UPI के सहारे सफलता हासिल करने वाली PhonePe और Google Pay जैसी कंपनियों को अब झटका लगने वाला है, क्योंकि नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने डिजिटल पेमेंट कंपनियों के लिए नए गाइडलाइन्स जारी किए हैं, ताकि UPI में कंसंट्रेशन और सिस्टमेटिक रिस्क को कम किया जा सके।
NPCI द्वारा लागू महत्वपूर्ण प्रावधानों में से एक में डिजिटल पेमेंट कंपनियों की यूपीआई बाजार हिस्सेदारी की सीमा निर्धारित की गई है। इस कदम से सीधे तौर से UPI-ओनली कंपनियों को नुकसान होगा, जिसमें वालमार्ट का PhonePe और Google Pay के साथ ही जल्द लांच होने वाली WhatsApp Pay भी शामिल है। दिलचस्प है कि PayTM इकलौती बड़ी कंपनी है, जो UPI के अलावा अपने वॉलेट और कार्ड्स का समर्थन कर रही है।
अप्रैल 2020 से PhonePe और Google Pay को अपनी बाजार हिस्सेदारी 33 फीसदी तक की सीमा में ही रखनी होगी, जिससे अंतत: उनकी विकास योजनाएं अवरूद्ध होगी। सबसे अधिक बाजार हिस्सेदारी हासिल करने के लिए इन कंपनियों ने अब तक काफी ज्यादा निवेश किया है, और यह कदम उनके लिए एक बड़ा झटका है।
मार्गन स्टेलने ने हाल ही में वालमार्ट के शेयर कीमतों में वृद्धि के लिए PhonePe की सफलता को बड़ा श्रेय दिया था। लेकिन सीमा तय करने की नई नीति से कंपनी के मूल्यांकन और वित्त जुटाने की योजनाओं को भी झटका लगेगा, क्योंकि वह टाइगर ग्लोबल, टेंसेंट, डीएसटी ग्लोबल, सॉफ्टबैंक और अन्य से 1 अरब डॉलर जुटाने की प्रक्रिया में है।