राष्ट्रीय शिक्षा नीति आने के बाद अब पूरा जोर इसके अमल को लेकर है। इसके तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज देशभर के शिक्षकों को संबोधित करेंगे। राष्ट्रीय Education Policy के जरिए स्कूलों के एजुकेशन सिस्टम में होने वाले बदलावों को लेकर PM मोदी चर्चा करेंगे। शिक्षा मंत्रालय ने स्कूलों तक Education Policy को पहुंचाने के लिए 2 दिन का एक सम्मेलन आयोजित किया है। जो गुरूवार से शुरू हुआ। जिसमें देश भर के शिक्षक और प्राधानाचार्य वर्चुअल जुड़कर अपनी बात रखी।
शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक राष्ट्रीय Education Policy के अमल और सभी जिम्मेदार लोगों तक इसे पहुंचाने के लिए ‘शिक्षा पर्व’ का आयोजन किया जा रहा है। यह पर्व 8 से 25 सितंबर तक चलेगा। इस दौरान नीति को लेकर ज्यादा से ज्यादा वर्चुअल सम्मेलन और वेबिनार आयोजित किए जाएंगे। इसके लिए सभी शिक्षण संस्थानों और विश्वविद्यालयों को जिम्मा भी सौंपा गया है।
मोदी इससे पहले 7 सितंबर को भी राष्ट्रीय Education Policy को लेकर राज्यपालों और राज्यों के शिक्षा मंत्रियों के सम्मेलन को संबोधित कर चुके हैं। इसमें उन्होंने Education Policy के अमल का पूरा रोडमैप दिया था। साथ ही कहा था कि इसे लागू करने को लेकर ज्यादा लचीला रुख अपनाया जाए। मोदी इससे पहले भी कई मौकों पर राष्ट्रीय Education Policy के अमल को लेकर अपनी बात रख चुके हैं। हालांकि, अब तक के आयोजनों में यह इसलिए भी अलग है, क्योंकि इनमें नीति लागू कराने वाली जमीनी टीम शामिल है।
इससे पहले 7 सितंबर को PM मोदी ने राष्ट्रीय Education Policy -2020 की भूमिका पर आयोजित राज्यपालों और राज्यों के शिक्षा मंत्रियों के वर्चुअल सम्मेलन को संबोधित किया था। इस दौरान उन्होंने कहा कि विदेश नीति, रक्षा नीति की तरह ही Education Policy भी देश की होती है, किसी सरकार की नहीं। जिस प्रकार नीति को लचीलेपन के विजन के साथ लाया गया है, उसी तरह सभी को इसके अमल को लेकर भी ज्यादा-से-ज्यादा लचीलापन दिखाना होगा। साथ ही यह भी कहा कि यह नीति सिर्फ पढ़ाई-लिखाई के तौर-तरीकों में ही बदलाव के लिए नहीं है। यह 21वीं सदी के भारत के सामाजिक और आर्थिक जीवन को नई दिशा देने वाली है।