Haddi Review: ओटीटी प्लेटफॉर्म जी5 पर नवाजुद्दीन सिद्दीकी की फिल्म ‘हड्डी’ रिलीज हो गई है। इस फिल्म में नवाजुद्दीन के अलावा अनुराग कश्यप, जीशान अयूब और इला अरुण मुख्य भूमिका में हैं। पढ़ें रिव्यू |
फिल्म : हड्डी
कलाकार: नवाजुद्दीन सिद्दीकी, अनुराग कश्यप, जीशान अयूब और इला अरुण
निर्देशक: अक्षत अजय शर्मा
ओटीटी प्लेटफॉर्म: जी5
‘हड्डी’… सुष्मिता सेन की ‘ताली’ के रिलीज होने के कुछ दिन बाद नवाजुद्दीन सिद्दीकी की फिल्म ‘हड्डी’ आई है। दोनों फिल्में बहुत अलग हैं। एक तरफ, सुष्मिता सेन की फिल्म ‘ताली’ में गौरी सावंत की कहानी दिखाई गई है। वहीं दूसरी तरफ, नवाजुद्दीन सिद्दीकी की फिल्म ‘हड्डी’ में उन्हें एक ऐसे ट्रांसजेंडर के किरदार में दिखाया गया है जो बदले के लिए किसी भी हद तक जाने के लिए तैयार है। आइए जानते हैं कैसी है नवाजुद्दीन सिद्दीकी की रिवेंज ड्रामा फिल्म ‘हड्डी’ ।
कुछ ऐसी है फिल्म की कहानी
फिल्म की शुरुआत होती है हरिका (नवाजुद्दीन सिद्दीकी) से जो एक बूढ़े आदमी को ट्रांसजेंडर कम्युनिटी की ताकत का एहसा दिलाती है। इसके तुरंत बात दिखाया जाता है कि हरिका से हड्डी बना नवाज इलाहाबाद के एक शमशान घाट से डेडबॉडी चुराता है। उसके इस कांड की वजह से पुलिस उसके पीछे लग जाती है और इलाहाबाद वाली फैक्ट्री पर रेड पड़ जाती है। रेड की वजह से उसे अपने पार्टनर के साथ दिल्ली भागना पड़ता है और यहां से शुरू होती है हरिका से हड्डी बने एक खूंखार हिजड़े की कहानी… जो अपना बदला लेने के लिए कोई भी हद पार करने के लिए तैयार रहता है। एक गैंग के मेंबर से डॉन बन जाता है और फिर….।
नहीं थी नवाजुद्दीन सिद्दीकी से ऐसी उम्मीद
नवाजुद्दीन सिद्दीकी कमाल के अभिनेता हैं। लेकिन, जब ‘हड्डी का पोस्टर जारी हुआ था तब मन में एक शंका-सी थी । सुष्मिता सेन की ‘ताली’ देखने के बाद एक डर सा लगने लगा था कि क्या नवाजुद्दीन सिद्दीकी, सुष्मिता सेन की ही तरह एक ट्रांसजेंडर के किरदार को बखूबी निभा पाएंगे। लेकिन, कहना पड़ेगा उन्होंने उम्मीद से कहीं ज्यादा अच्छा काम किया है। उनके चलने का तरीका, उनके बोलना का ढंग, उनकी चाल, उनकी लचक कमाल की है। उनका काम देखकर आपके मुंह से सिर्फ वाह और वाह ही निकलेगा ।
इन्होंने भी किया मजेदार काम
नवाजुद्दीन सिद्दीकी के अलावा अनुराग कश्यप ने भी कमाल का काम किया है। फिल्म में एक सीन आता है जब गैंगस्टर से राजनेता बने प्रमोद अहलावत (अनुराग कश्यप) अपनी पूरी गैंग के साथ अम्मा (इला अरुण ) और उसके घराने में रहने वाले ट्रांसजेंडर्स की हत्या करने आता है। चारों तरफ खून-खराबा हो रहा होता है, चिल्लाने की आवाजें आती हैं और वो अपने कान में मस्त से हैडफोन्स लगा कर चिल कर रहा होता है। यहां से पता चलता है कि अनुराग कश्यप कितने कमाल के अभिनेता है। वहीं इला अरुण और जीशान अयूब की बात करें तो दोनों को फिल्म में बुहत कम स्क्रीन टाइम दिया गया है। लेकिन, कम टाइम में भी दोनों छाप छोड़ने में कामयाब रहे।
अक्षत अजय शर्मा का निर्देशन
अक्षत अजय शर्मा ने काफी अच्छा निर्देशन किया है। अदम्य भल्ला और अक्षत अजय शर्मा ने कहानी पर अच्छा काम किया है। हड्डी के साथ-साथ राजनेताओं द्वारा किए जा रहे काले धंधों पर अच्छी तरह से रौशनी डाली गई है। लेकिन, असली कहानी तो क्लाइमैक्स के बाद ही समझ आती है। फिल्म के पहले पार्ट में तो कहानी किस बारे में? क्या हो रहा है? क्यों हो रहा है? कुछ समझ नहीं आता है। फिल्म की सबसे बेहतरीन चीज है इसका म्यूजिक । रेखा भारद्वाज, रोहन प्रधान और रोहन रोहन द्वारा गाया गया और रोहन गोखले द्वारा लिखा गया ‘बेपर्दा’ इस पूरी फिल्म की जान है।
देखें या नहीं?
अगर आपको नवाजुद्दीन सिद्दीकी का अब तक का कमाल सबसे बेहतरीन काम देखना है तो ये फिल्म आपके लिए है। अगर आप रिवेंज ड्रामा देखने के शौकीन है तो आप ‘हड्डी’ देख सकते हैं। लेकिन, अगर आपको खून-खराबा देखना पसंद नहीं है तो ये फिल्म आपके लिए नहीं है। क्योंकि इस फिल्म में शुरुआत से लेकर अंत तक खून-खराबा ही दिखाया गया है।