पिछले 8 साल से बेटी को इंसाफ दिलाने के लिए कानूनी लड़ाई लड़ रहीं Nirbhaya की मां ने देश की जनता से अपील की है कि वे न्याय की इस मुहिम में उनके साथ आएं। इसके लिए उन्होंने देश के नाम संदेश दिया है, जिसमें उन्होंने इंसाफ की लड़ाई में साथ आने की अपील की है।
Nirbhaya की मां ने जनता के नाम संदेश में लोगों से चारों दोषियों के लिए फांसी का समर्थन करने की अपील के साथ एक नंबर 7834998998 भी जारी किया है। देश की जनता के नाम संदेश में Nirbhaya की मां ने कहा है- ‘अगर आप मुझे इस मुद्दे पर समर्थन करते हैं तो इस मैसेज को आगे बढ़ाएं। इसी के साथ इस नंबर 7834998998’ पर मिस कॉल भी दे सकते हैं।
चारों दोषियों को निचली अदालत के बाद दिल्ली HC और SC फांसी की सजा सुना चुका है, लेकिन तकरीबन 3 साल बाद भी फांसी को अंजाम नहीं दिया जा सका है। वहीं, Nirbhaya के माता-पिता पिछले 6 महीने से लगातार निचली अदालत, दिल्ली HC और SC के चक्कर लगा रहे हैं। अब परेशान हो कर Nirbhaya की मां ने देश की जनता से समर्थन मांगा है। अपनी भावनात्मक अपील में Nirbhaya की मां ने इंसाफ की लड़ाई में लोगों से समर्थन मांगा है।
- कल, मैं सर्वोच्च न्यायालय के सामने Nirbhaya के लिए न्याय सुनिश्चित करने के लिए निवेदन करूंगा ताकि महिलाओं के खिलाफ अपराध को हतोत्साहित किया जाए।
- अगर Nirbhaya न्याय पाने में नाकाम रही तो कोई और पीड़ित न्याय पाने में सक्षम नहीं होगा
- हमें Nirbhaya के लिए न्याय सुनिश्चित करने के लिए एकजुट होना चाहिए
- मेरी रातों की नींद हराम है, लेकिन न्याय के लिए अपने संघर्ष को जारी रखूंगी।
- मानव अधिकार कार्यकर्ता केवल अपना व्यवसाय चला रहे हैं।
- जो लोग मुझे इन दोषियों को क्षमा करना चाहते हैं, उन्हें सोचना चाहिए कि अगर उनके परिवार में भी ऐसा ही होता है तो क्या वे बर्दाश्त करेंगे।
- हमें अपने अधिकारों के लिए लड़ना होगा, न मांगें
- जो लोग मुझे दोषियों को क्षमा करने के लिए कहते हैं, मैं उनसे पूछना चाहती हूं कि क्या यह आपके बच्चे के साथ हुआ था, तो क्या आप दोषियों को माफ कर देंगे?
- यदि देश में महिलाओं के अपने अधिकार हैं, तो हमारे अधिकारों को सुनिश्चित करने के लिए व्यवस्था बदलनी चाहिए।
- 16 दिसंबर, 2012 को दिल्ली के वसंत बिहार इलाके में चलती बस में Nirbhaya के साथ दरिंदगी हुई थी। रात घर जाने के दौरान बस में राम सिंह, एक नाबालिग, विनय कुमार शर्मा, पवन कुमार गुप्ता, मुकेश सिंह और अक्षय कुमार ने Nirbhaya के साथ चलती बस में सामूहिक दुष्कर्म किया था। इस दौरान Nirbhaya को शारीरिक के साथ मानसिक प्रताड़ना इस कदर दी गई कि उसने अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।
इसके बाद फास्ट ट्रैक कोर्ट बनाकर मुकदमा चलाया गया, जिसमें निचली अदालत के बाद दिल्ली HC और SC विनय, मुकेश, पवन और अक्षय को फांसी की सजा सुना चुका है, जबकि राम सिंह ने तिहाड़ जेल में आत्महत्या कर ली थी और नाबालिग अपनी सजा पूरी कर चुका है।
दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने चारों दोषियों विनय कुमार शर्मा, पवन कुमार गुप्ता, मुकेश सिंह और अक्षय सिंह ठाकुर की फांसी के लिए डेथ वारंट जारी कर दिया है और चारों की फांसी की तैयारी भी चल रही है। डेथ वारंट के अनुसार, आगामी 3 मार्च को सुबह 6 बजे तिहाड़ जेल में चारों को फांसी दी जानी है, लेकिन कानूनी पैंतरों में उलझने के चलते लगता नहीं कि 3 मार्च को चारों को फांसी हो पाएगी।