जिन्ना के बाद सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य और एलेक्जेंडर द ग्रेट पर बढ़ा बवाल, पढ़ें पूरी खबर

यूपी के चुनावी दंगल में मोहम्मद अली जिन्ना के बाद अब इतिहास के दो और नामों का जिक्र गूंज पड़ा है. उनका नाम है सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य और एलेक्जेंडर द ग्रेट यानी विश्व विजेता का ख्यातिप्राप्त सिकंदर. इस रिपोर्ट में हम जानेंगे कि आखिर इन नामों से यूपी का क्या लेना-देना है?

यूपी में होने वाले विधानसभा चुनाव में हर राजनीतिक दल हर रोज कुछ न कुछ नया प्रयोग कर रहा है. मतदाताओं के सामने स्वयं की पार्टी को सर्वोच्च करार देते हुए वे हर नए बयान में एक प्रयोग कर रहे हैं. यूपी में आयोजित एक रैली में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय मुखिया अखिलेश यादव पहले ही पाकिस्तान से पहले कायद-ए-आजम मोहम्मद अली जिन्ना के नाम की चर्चा करके चौतरफा आ रहे विरोधी बयानों को झेल रहे हैं. इसी बीच रविवार को सोशल मीडिया पर सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य और एलेक्जेंडर द ग्रेट यानी विश्व विजेता की ख्यातिप्राप्त सिकंदर का नाम गूंजने लगा है. सोशल मीडिया पर इस संबंध में सबके अपने-अपने तर्क हैं. तरह-तरह के मेम्स बनाकर लोग अपनी प्रतिक्रिया जाहिर कर रहे हैं. मगर उससे पहले यहां यह जानना जरूरी है कि उत्तर प्रदेश की सियासत में इन दोनों नामों की इंट्री हुई क्यों?

दरअसल, रविवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव 2022 को लेकर वैश्य समाज को रिझाने के लिए कार्यक्रम का आयोजन किया था. इस कार्यकम में वैश्य समाज से आने वाले बड़े चेहरों से आज मुखातिब होकर उनसे पार्टी को वोट देने की अपील की गई.

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इस वैश्य समाज को पार्टी की ओर आकर्षित करने के लिए आयोजित इस कार्यक्रम में मौर्य, कुशवाहा और सैनी समाज के बड़े चेहरों को बुलाया गया था. कार्यक्रम का नाम ‘सामाजिक प्रतिनिधि सम्मेलन’ रखा गया था. बता दें कि 14 नवंबर को लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित किए गए इस वैश्य समाज सम्मेलन के कर्ताधर्ता वरिष्ठ नेता नरेश अग्रवाल थे. यूपी में वैश्य समाज की करीब 18 प्रतिशत जनसंख्या है. यही वजह है कि सभी राजनीतिक पार्टियां इनको अपने खेमे में करने के लिए पुरजोर कोशिश कर रही हैं. सीएम योगी ने विरोधी दलों पर हमला बोलते हुए कहा, ‘विपक्ष के पास मुद्दा नहीं है, वो सरदार पटेल का अपमान करना चाहते हैं. राष्ट्र नायक सरदार पटेल एक ओर हैं और राष्ट्र को तोड़ने वाले जिन्ना दूसरी तरफ हैं. वो लोग जिन्ना का समर्थन करते हैं और हम सरदार पटेल का समर्थन करते हैं.’

इसी क्रम में उन्होंने अपने भाषण की शुरुआत में ही मौर्य, कुशवाहा और सैनी समाज से आने वालों को देश की प्रगति में बड़ा योगदान देने वाला समाज करार दिया था. उन्होंने कहा था कि देश के इतिहास के साथ हमेशा से खिलवाड़ होता रहा है. वे बोले, ‘चंद्रगुप्त मौर्य का शासन काल देश का स्वर्णिम काल था मगर इतिहासकारों ने सिकंदर को महान बता रखा है. सबकुछ जानकर भी आज इतिहासविद चुप हैं.’ इस सीएम योगी के इतना कहने के बाद ही सोशल मीडिया पर तरह-तरह के मेम्स की बौछार होने लगी. कोई इस बयान के पक्ष में दिख रहा है तो कोई विपक्ष में.

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