दिल्ली BJP के अध्यक्ष मनोज तिवारी ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में एक भी मुस्लिम उम्मीदवार ना उतारने को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि हम मुस्लिम उम्मीदवार को टिकट भी देते हैं तो भी वो जिताऊ नहीं होते हैं। मनोज तिवारी ने यह बात अंग्रेजी अखबार को दिए इंटरव्यू में कही है। इस इंटरव्यू में तिवारी ने शाहीन बाग को लेकर भी अपनी बात रखी।
मुस्लिम उम्मीदवार को लेकर मनोज तिवारी से पूछा गया कि 1993 के बाद से BJP ने विधानसभा में कोई मुस्लिम उम्मीदवार क्यों नहीं उतारा। इसके जवाब में उन्होंने कहा, ”हम उन्हें टिकट देते भी हैं तब भी वो जीतने में हमारी मदद नहीं करते। केंद्र में मुस्लिम समुदाय से हमारे एक मंत्री भी हैं। हमें उन्हें राज्यसभा और विधान परिषद से लाते हैं। हमने उन्हें कई बार टिकट दिया लेकिन वे जीत नहीं पाए।”
मनोज तिवारी ने शाहीन बाग को लेकर कहा कि BJP ने शाहीन बाग को चुनावी मुद्दा नहीं बनाया। हमारा मुद्दा तो दिल्ली को शांति बाग बनाना है। शाहीन बाग प्रदर्शन को लेकर लोगों को हो रही दिक्कत के लिए मनोज तिवारी ने विपक्षी पार्टी के नेताओं को जिम्मेदार ठहराया है। तिवारी ने कहा कि आज बड़े पैमाने पर शाहीन बाग के रहने वाले इस प्रदर्शन का विरोध कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के कुछ नेताओं ने इस इलाके को अशांत बना रहा है। प्रदर्शन के चलते शहर में जाम कि स्थिति है और लाखों लोगों को इससे परेशानी हो रही है।
अनुराग ठाकुर और BJP नेता प्रवेश वर्मा के सवाल पर तिवारी ने कहा कि BJP किसी भी प्रकार की हिंसा का समर्थन नहीं करती है। पार्टी कानून के हिसाब से आतंकवादियों को सजा देने पर भरोशा करती है। उन्होंने कहा कि अनुराग ने गोली मारो नहीं कहा था। जिस तरह के नारे शाहीन बाग में लगाए जा रहे हैं, जैसे- PM को गोली मारो, एचएम को गोली मारो, जिन्ना वाली आजादी, इसके कारण वो अति उत्साह में ऐसा कह गए। BJP उनके बयानों का समर्थन नहीं करती है।
BJP प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि इसके लिए चुनाव आयोग ने उनको दंड दिया है। साथ ही उन्होंने कहा कि शाहीन बाग में जिस प्रकार नारे और अमानतुल्ला खान, मणि शंकर अय्यर और शशि थरूर जैसे नेताओं द्वारा भाषण दिया गया उस पर भी चुनाव आयोग को एक्शन लेना चाहिए।
शाहीन बाग में 50 दिनों से चल रहे आंदोलन के सवाल पर मनोज तिवारी ने कहा कि यह सरकार की असफलता नहीं है। इससे पता चलता है कि सरकार अपने नागरिकों को लेकर संवेदनशील है, क्योंकि वहां महिलाएं और बच्चे प्रदर्शन कर रहे हैं. ऐसा नहीं होता तो दो घंटे के अंदर प्रदर्शन को खत्म कर दिया गया होता।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि लोगों ने 50 दिनों से रास्ते को बंद कर रखा है लेकिन वो वहां नहीं गए। क्या वह लोगों से रास्ता खोलने की अपील नही कर सकते? बावजूद इसके वो कहते हैं कि वह शाहीनबाग के साथ हैं। इसका मतलब है कि वह दिल्ली को शाहीनबाग बनाना चाहते हैं।