ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस छोड़ कर बीजेपी में शामिल होने के बाद से ही मध्यप्रदेश की राजनीति में जो भूचाल आया है वो शांत होने का नाम नहीं ले रहा। इस सियासी संकट के बीच जहां आज का दिन कांग्रेस के लिए अग्नी परिक्षा से कम नहीं होगा, क्योंकि आज विधानसभा में कांग्रेस की कमलनाथ सरकार को बहुत साबित करना है। लेकिन इससे पहले खबर है कि देर रात मुख्यमंत्री कमलनाथ ने प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन से मुलाकात की। जिसके बाद आज होने वाले फ्लोर टेस्ट पर संकट के बादल मंडरा सकते हैं। आपको बता दें इससे पहले राज्यपाल लालजी टंडन मुख्यमंत्री कमलनाथ को एक पत्र लिखा था जिसमें ये कहा गया था कि अगर मतदान की प्रक्रिया बटन दबाकर नहीं हो सकती तो मध्य प्रदेश राज्य की धारा 10 वीं अनुसूची के तहत आदेशित किया जाता है कि विश्वास मत के मतदान की प्रक्रिया हाथ उठाकर संचालित कराई जाए इस पूरे मामले पर मध्यप्रदेश के विधानसभा के स्पीकर एनपी प्रजापति ने कहा कि अब उन सभी 9 विधायको का इंतजार है जिन्होंने अपना इस्तीफा दे दिया था।
वहीं बीते रविवार को भी दिल्ली स्थित बीजेपी कार्यालय में सुबह से ही बैठको का दौर चला जिसमें सबसे पहले केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के घर मध्य प्रदेश बीजेपी के बड़े नेताओं की बैठक हुई। जिसमे शिवराज सिंह चौहान, ज्योतिरादित्य सिंधिया और केंद्रीय मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान शामिल हुए।
इस सियासी संकट के बीच मध्यप्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने भी राज्यपाल लालजी टंडन से मुलाकत की थी और कहा था कि बीजेपी ने मांग की है कि अगर फ्लोर टेस्ट के दौरान इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग संभव नहीं है तो हाथ उठाकर भी इस प्रक्रिया को पूरा कर सकते हैं।
आपको बता दें बीते शनिवार को बीजेपी नेता और मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मध्यप्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव और बीजेपी विधायक दल के मुख्य सचेतक नरोत्तम मिश्रा के साथ राज्यपाल लाल जी टंडन से मुलाकात कर एक ज्ञापन सौपा था जिसमें 16 मार्च से पहले विधानसभा का विशेष सत्र बुलाए जाने की मांग कर कमलनाथ सरकार को जल्द से जल्द विश्वास मत साबित करने की मांग की थी।
मध्यप्रदेश विधानसभा के सियासी समिकरण की बात करें तो कुल संख्या 230 है, जिनमें से कांग्रेस के पास 114 विधायक हैं, वहीं बीजेपी के पास 107। इसके साथ ही बीएसपी के पास दो और सपा के पास एक विधायक हैं। 4 निर्दलीय विधायक हैं, जबकि दो विधानसभा सीटें खाली हैं। मध्यप्रदेश विधानसभा में बहुमत के आंकड़े के लिए 116 विधायकों का है। मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार को 121 विधायको का समर्थन प्राप्त है। अब कौन सा सियासी भूचाल मध्यप्रदेश की राजनीति में आने वाला ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा।