भारत के केंद्रीय वन और पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा, “केंद्र सरकार की योजना है कि वह आने वाले 10 साल में 50 लाख हेक्टेयर बंजर जमीन को खेती के योग्य बनाएगी। इसके तहत करीब 75 लाख लोगों को रोजगार मिलेगा।” भारत में 2 से 13 सितंबर तक संयुक्त राष्ट्र सीसीडी कॉप-14 यानी यूनाइटेड नेशंस कन्वेंशन टू कॉम्बैट डेजर्टिफिकेशन सम्मेलन होने वाला है । सम्मेलन में खराब जमीन को कैसे उपजाई बनाया जाए इस पर चर्चा की जाएगी । इस सम्मेलन में कई देशों के वैज्ञानिक अपने-अपने इनोवेशन की प्रदर्शनी भी करेंगे। केंद्र सरकार बंजर जमीन को खेती के योग्य बनाने के लिए यूनाइटेड नेशंस कन्वेंशन के साथ समझौता भी करेगी ।
केंद्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि हमारी सरकार नई दिल्ली डिक्लेरेशन में बताए गए नियमों और कायदों के अनुसार इस काम को आगे बढ़ाएगी । साथ ही देहरादून के फॉरेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाया जाएगा ।
ज्ञात हो कि देश में इस समय 1.69 करोड़ हेक्टेयर बंजर जमीन है , इस ज़मीन को उपजाऊ बनाने के लिए सरकार लगातार प्रयास करती आ रही है । लोकसभा चुनाव के दौरान भी एक सवाल के जवाब में बताया गया था कि सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में कुल मिलाकर 16,996,000 हेक्टेयर जमीन बंजर या खेती योग्य नहीं है । केंद्र सरकार इसे सुधारने के लिए विभिन्न राज्यों की सरकारों से मिलकर काम करेगी ।
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