Murder Of Dalit Girl in Unnao

उन्नाव में लापता दलित लड़की का मिला शव, अखिलेश यादव की गाड़ी के आगे कूदी थी मां,जानिए क्या है पूरा मामला

उत्तर प्रदेश में 2022 के विधानसभा चुनाव (Uttar Pradesh Vidhan Sabha Chunav 2022) के दौर में उन्नाव (Unnao) की एक महिला ने लखनऊ में समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के सामने 24 जनवरी को आत्मदाह का प्रयास कर बेटी के लिए इंसाफ मांगा था। उसने उन्नाव के समाजवादी पार्टी के नेता के बेटे (Samajwadi Party Leader Son Murdered) के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई से निराश होकर अखिलेश यादव के समक्ष गुहार भले ही लगाई, लेकिन यहां भी न्याय नहीं मिला। अगवा की गई उसकी पुत्री का शव गुरुवार को पूर्व मंत्री के आश्रम के पास खाली पड़े प्लाट के गड्ढ़े में दबा मिला।


उन्नाव की पुलिस समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के नेता और उत्तर प्रदेश कोआपरेटिव फेडरेशन के चेयरमैन (दर्जा प्राप्त मंत्री) रहे स्वर्गीय फतेहबहादुर सिंह के कब्बाखेड़ा में बनवाए गए दिव्यानंद आश्रम में कार्यरत युवक तक पहुंच गई थी। अहम कड़ी हाथ लगने के बाद पुलिस ने गुरुवार को आश्रम के पास खाली पड़ी जमीन पर खोदाई शुरू कराई। खाली पड़े प्लाट में करीब 7 फीट गहरा गड्ढा खोदने पर युवती का शव दफन मिला। इस मामले में आश्रम के कर्मी के साथ मंत्री के पुत्र राजोल सिंह पर शिकंजा कसा है। मंत्री पुत्र जेल में है।


हंगामे के बीच पोस्टमार्टम

उन्नाव में भारी हंगामे के बीच शुक्रवार को युवती के शव का पोस्टमार्टम किया गया। समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) की सरकार में मंत्री रहे स्वर्गीय फतेह बहादुर सिंह के बनवाए गए आश्रम के बगल प्लाट में दो माह से अधिक समय से लापता युवती का शव मिलने के बाद शुक्रवार सुबह उसका पोस्टमार्टम भारी हंगामे के बीच पुलिस ने कराया। यहां पर बड़े अधिकारियों व नेताओं को बुलाने की मांग कर रहे स्वजन को समझाने के बाद पोस्टमार्टम हुआ। स्वजन शव लेकर घर चले गए। इस दौरान पोस्टमार्टम हाउस में पांच थानों का फोर्स मौजूद रहा।


उन्नाव के सदर कोतवाली क्षेत्र के मुहल्ला निवासी 22 वर्षीय दलित युवती 8 दिसंबर को अचानक लापता हो गई थी। उसकी मां का आरोप था कि मंत्री के बेटे राजोल से उसका मिलना-जुलना था और उसी ने उसका अपहरण किया था। युवती की मां की शिकायत पर कोतवाली पुलिस ने गुमशुदगी दर्ज कर तलाश शुरू की थी। इसके ठीक एक महीने बाद 10 जनवरी को पुलिस ने राजोल सिंह के विरुद्ध युवती के अपहरण व एससीएसटी एक्ट में मुकदमा दर्ज किया था। इसके बाद भी कोई कार्रवाई न होने से परेशान मां ने 24 जनवरी को लखनऊ पहुंची और पूर्व सीएम अखिलेश यादव के काफिले के सामने आत्मदाह का प्रयास किया था। मामले ने तूल पकड़ा तो पुलिस ने राजोल को गिरफ्तार कर दूसरे ही दिन जेल भेज दिया। इसके बाद भी युवती का पता नहीं चल सका था।


सर्विलांस की मदद से पुलिस ने कल युवती का शव पूर्व मंत्री के बनवाए गए आश्रम के बगल प्लाट में करीब सात फीट गहरे गड्ढे से बरामद किया था। आज पुलिस जब उसका पोस्टमार्टम कराने पहुंची तो वहां स्वजन ने इसका विरोध शुरू कर दिया। इसके साथ ही लखनऊ से अधिकारियों व नेताओं को बुलाने की मांग करने लगे। वहां पर काफी हंगामा होता देख वहां मौजूद सीओ सिटी कृपाशंकर ने अधिकारियों को इसकी जानकारी दी। सूचना पर एएसपी शशि शेखर सिंह भी वहां पहुंचे और सदर कोतवाली, गंगाघाट, अचलगंज व अजगैन सहित पांच थानों का फोर्स बुला लिया गया। इस दौरान अधिकारियों ने स्वजन को समझाया और पोस्टमार्टम कराने को राजी किया। इसके बाद भारी सुरक्षा के बीच शव का पोस्टमार्टम हुआ और स्वजन शव लेकर घर चले गए। इसके बाद शव का अंतिम संस्कार जाजमऊ घाट पर किया गया।


मारपीट करने के बाद गला दबाकर हत्या, टूटी मिली गले की हड्डी

दलित युवती के शव के पोस्टमार्टम के बाद आई रिपोर्ट में उसकी गला दबाकर हत्या करने की पुष्टि हुई है। साथ ही उसके साथ मारपीट भी हुई थी। दुष्कर्म की पुष्टि के लिए स्लाइड बनाकर लैब भेजी गई है। शुक्रवार सुबह युवती के शव के पोस्टमार्टम के करीब दो घंटे बाद डाक्टरों ने उसकी रिपोर्ट बनाई। जिसमें युवती के शरीर में चोट के दो निशान पाए गए। जिससे उसके साथ मारपीट होने की पुष्टि हुई। वहीं गले की हड्डी टूटी होने से उसकी गला दबाकर हत्या होने की भी पुष्टि हुई। युवती के साथ दुष्कर्म होने की आशंका के चलते स्लाइड बनाई गई है। जिसे लैब भेजा गया है। डाक्टरों के अनुसार लैब से रिपोर्ट आने पर दुष्कर्म की पुष्टि हो सकेगी। प्राथमिक जांच से साफ है कि पूर्व मंत्री के बेटे रजोल सिंह और आश्रम के कर्मी ने मिलकर युवती की हत्या के बाद शव को खाली जमीन पर दफन कर दिया था। माना जा रहा पुलिस डीएनए टेस्ट भी करा सकती है।


लापरवाही में इंस्पेक्टर निलंबित

यह मामला 65 दिन से अधिक पुराना है। उसके अपहरण के आरोप में राजोल सिंह जेल में बंद है। पुलिस ने मामले हत्या की धारा बढ़ाने के साथ दूसरे आरोपित को भी गिरफ्तार कर लिया। युवती के स्वजन ने दुष्कर्म के बाद हत्या की आशंका भी जताई है। इस मामले में लापरवाही करने वाले इंस्पेक्टर को एसपी ने निलंबित भी कर दिया है। एसपी ने बताया कि इंस्पेक्टर अखिलेश पांडेय को लापरवाही के आरोप में निलंबित कर दिया गया है। तत्कालीन चौकी इंचार्ज रहे वर्तमान में जीआरपी लखनऊ में तैनात प्रेम दीक्षित पर कार्रवाई के लिए अधिकारियों को पत्र भेजेंगे।

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