राज्य को कुपोषण मुक्त बनाने के लिए उत्तराखंड सरकार अब कमर कस चुकी है । मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत काफी सजग दिख रहे हैं । सीएम के साथ ही प्रशासनिक अमला भी इस मुहिम से जु़ड़ गया है । अधिकारी हो या खुद सीएम इस अभियान में हिस्सा लेंगे । इसके तहत सरकार का हर मंत्री और अधिकारी राज्य के एक-एक कुपोषित बच्चे को गोद लेगा । इसकी जिम्मेदारी शिक्षा, स्वास्थ और बाल विकास विभाग को सौंपी गई है ।
सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत समेत प्रदेश सरकार के सभी मंत्री और अधिकारी कुपोषित बच्चों को गोद लेंगे । महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग ने 94 अफसरों का दल इसमें लगा दिया है । सीएम रावत का कहना है कि कुपोषण का शिकार बच्चों के लिए पुष्टाहार भेजा जा रहा है । जानकारी के अभाव में पहले बच्चों को पुष्टाहार नहीं भेजा जाता था । लोगों को इसमें सुधार के लिए व्यापक प्रचार की ज़रूरत है । इसके तहत 3 सितंबर से अभियान की शुरूआत होगी । साथ ही उन्होंने कहा कि गर्भवती महिलाओं की जांच कर उन्हें पौष्टिक आहार दिया जा रहा है । एनीमिक महिलाओं को लेकर विस्तृत योजना बनाई जाएगी ।
सीएम के इस कदम पर महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग की सजिव सौजन्या ने कहा कि प्रदेश में 1600 अतिकुपोषित बच्चे हैं ।इन बच्चों का कुल आंकड़ा 17000 है । अतिकुपोषित बच्चे इस दायरे से बाहर आएं इसके लिए कुपोषित बच्चों को मंत्री और अधिकारी गोद लेंगे । यह अभियान एक महीने के लिए है ।