केरल चुनाव के लिए BJP का बड़ा दांव, क्या मेट्रो मैन श्रीधरन होंगे CM कैंडिडेट?

Kerala Assembly elections 2021: ‘मेट्रो मैन’ ई. श्रीधरन (E Sreedharan) के अगले माह होने वाले केरल विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (BJP‍) का CM कैंडिडेट होने का ट्वीट करने के कुछ घंटों के बाद केंद्रीय मंत्री वी. मुरलीधरन (Union Minister V Muraleedharan) ने इस बारे में स्थिति स्‍पष्‍ट की है। मुरलीधरन ने एक बयान में साफ किया है कि पार्टी ने इस बारे में पार्टी ने अभी कोई फैसला नहीं किया है। मुरलीधरन ने कहा, ‘कुछ बयान थे कि ई. श्रीधरन केरल में CM कैंडिडेट होंगे। मैंने मीडिया रिपोर्ट में सुना कि पार्टी ने उन्‍हें CM कैंडिडेट घोषित कर दिया है। इसके बाद मैंने पार्टी अध्‍यक्ष से बात की, जिन्‍होंने ऐसा कोई बयान न देने की बात कही। इसलिए इसे घोषणा के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए। मैं यह स्‍पष्‍ट कर रहा हूं।’

केरल BJP ने श्रीधरन को राज्‍य में पार्टी का CM पद का उम्मीदवार बनाने की सिफारिश की है। हाल ही में भारतीय जनता पार्टी (BJP) में शामिल होकर सियासत के मैदान में कदम रखने वाले श्रीधरन (E. Sreedharan) ने एक बयान में कहा था कि उनका मुख्य लक्ष्य केरल में पार्टी को सत्ता में लाना है और वह CM पद संभालने के लिए तैयार रहेंगे। उन्होंने कहा था कि यदि BJP को इस साल अप्रैल-मई में होने वाले विधानसभा चुनाव में जीत मिलती है तो उनका ध्यान बड़े स्तर पर आधारभूत संरचना का विकास करना और राज्य को कर्ज के जाल से निकालना होगा।

‘मेट्रो मैन’ के नाम से मशहूर और आधारभूत ढांचे से जुड़ी बड़ी परियोजनाओं के विकास में अपनी कुशलता दिखा चुके श्रीधरन ने कहा था कि अगर पार्टी चाहेगी तो वह विधानसभा चुनाव लड़ेंगे और पार्टी कहेगी तो CM का पद भी संभाल सकते हैं। श्रीधरन ने कहा था कि वह BJP को सांप्रदायिक पार्टी के तौर पर नहीं देखते हैं, बल्कि यह देश से प्रेम करने वालों की पार्टी है। श्रीधरन ने कहा कि केरल में हिन्दू और ईसाई लड़कियों को बहलाने-फुसलाने का काम किया जा रहा है, जिसे BJP लव जिहाद (Love Jihad) का नाम देती है। 88 साल की उम्र में राजनीति में प्रवेश संबंधी सवाल पर उन्‍होंने कहा था, मैं अपनी पेशेवर जिम्मेदारियों को लेकर बहुत व्यस्त था। मैं अभी भी समाज और खासकर अपने राज्य केरल के लिए कुछ करना चाहते हैं। राजनीति में आने की उनकी यही वजह है। श्रीधरन ने कहा कि पिछले 15-20 सालों में केरल में LDF या UDF की सरकार रही, लेकिन राज्य में बड़ा बदलाव नहीं देखा गया। 20 साल में एक भी इंडस्ट्री केरल में नहीं लगी। भ्रष्टाचार भी चरम पर है।

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