अरविंद केजरीवाल राम के नाम से क्या हासिल करना चाहते हैं

आम आदमी पार्टी सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल ने अपनी दो दिवसीय अयोध्या यात्रा के दौरान बीते मंगलवार हनुमान गढ़ी और ‘राम लला’ के दर्शन किए. इसके बाद उन्होंने एलान किया कि बुधवार से दिल्ली के बुज़ुर्ग नागरिक मुफ़्त में अयोध्या की यात्रा कर सकेंगे. इस पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने केजरीवाल को आड़े हाथों लिया है.

उन्होंने कहा, “(अरविंद केजरीवाल) पहले भगवान राम को गाली देते थे, लेकिन आज जब लगता है कि अब राम के बगैर नैय्या पार होने वाली नहीं है तो अयोध्या में राम जन्मभूमि के दर्शन करने के लिए आ रहे हैं.”

योगी आदित्यनाथ के साथ-साथ कांग्रेस नेता राशिद अल्वी भी अरविंद केजरीवाल के अयोध्या जाने पर टिप्पणी कर चुके हैं.

हालांकि, राशिद अल्वी ने इसके लिए बीजेपी को ज़िम्मेदार ठहराते हुए कहा है कि “बीजेपी ने धर्म को राजनीति से जोड़कर अन्य पार्टियों के नेताओं को धार्मिक स्थानों पर जाने के लिए विवश कर दिया है. हर पार्टी उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव से पहले लोगों में एक संदेश देना चाहती है.”

लेकिन सवाल ये उठता है कि अयोध्या जाना अरविंद केजरीवाल की राजनीतिक विवशता है या ये आम आदमी पार्टी की एक सोची-समझी चुनावी रणनीति का हिस्सा है.

आम आदमी पार्टी सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल ने उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनावों को देखते हुए अयोध्या का दौरा किया है. इस दौरान उन्होंने सरयू नदी की आरती से लेकर हनुमानगढ़ी में बजरंग बली एवं राम लला के दर्शन किए हैं.

इससे पहले आप नेता संजय सिंह और मनीष सिसोदिया भी अयोध्या में प्रेस कॉन्फ़्रेंस करने के साथ-साथ तिरंगा यात्रा निकाल चुके हैं. राम जन्मभूमि ट्रस्ट की ज़मीन ख़रीद-फ़रोख़्त से जुड़े विवाद में भी आम आदमी पार्टी ने खुलकर बीजेपी के ख़िलाफ़ मोर्चा खोला था.

बीजेपी अक्सर आम आदमी पार्टी के इस रुख़ को चुनावी हथकंडा बताते हुए उसकी आलोचना करती रही है. इस पर आम आदमी पार्टी का कहना है कि राम के नाम पर किसी का पेटेंट नहीं है.

लेकिन सवाल ये उठता है कि क्या ये आम आदमी पार्टी की राजनीतिक विवशता है या एक सोची-समझी चुनावी रणनीति.

सेंटर फ़ॉर स्टडी ऑफ़ डिवेलपिंग सोसाइटीज़ के निदेशक संजय कुमार मानते हैं कि उत्तर प्रदेश चुनाव को लेकर आम आदमी पार्टी की रणनीति स्पष्ट है.

वह कहते हैं, “आम आदमी पार्टी की रणनीति बिल्कुल साफ़ है. रणनीति ये है कि उत्तर प्रदेश में मुस्लिम वोट के लिए प्रतिस्पर्धा ज़बर्दस्त है. इसके लिए समाजवादी पार्टी है, बीएसपी है, कांग्रेस है और ओवैसी जी की पार्टी है. इन सबके बीच मुस्लिम वोटों के लिए कॉम्पिटीशन होगा.

ऐसे में आम आदमी पार्टी के लिए ये कोई समझदारी भरा क़दम नहीं होगा कि वह भी मुस्लिम वोट को हासिल करने के लिए रणनीति बनाए. ऐसे में उन्होंने हिंदू मतदाताओं को लुभाने की रणनीति बनाई है. इसके लिए जो कुछ किया जा रहा है, वो हमारे सामने है, सरयू नदी पर जाकर आरती करना, अयोध्या जाना, तिरंगा यात्रा निकालना आदि.

आम आदमी पार्टी द्वारा संदेश देने की कोशिश की जा रही है कि हम भी शायद उतनी ही बड़ी हिंदूवादी पार्टी हैं जो कि बीजेपी हो सकती है. ऐसे में एक विकल्प के रूप में उभरने की कोशिश की जा रही है.”

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