आजादी मार्च पर अडिग मौलाना बोले- अगर मंत्री बातचीत के लिए आएं तो इमरान का इस्तीफा अपने साथ लाये

प्रधानमंत्री इमरान खान से नाराज और इस्तीफे पर अड़े मौलाना फजल-उर-रहमान को मनाने की सब कोशिशें नाकाम साबित होती दिख रही हैं। रहमान के आजादी मार्च को रोकने के लिए सरकार और सेना पूरा दम लगा रही है। मौलाना से बातचीत के लिए इमरान ने एक ख़ास मंत्रियों की कमेटी बनाई जो आज शाम उनसे चर्चा करेगी। लेकिन, मौलाना फजल-उर-रहमान ने साफ कर दिया है कि कमेटी में शामिल मंत्री अगर बातचीत के लिए आते हैं तो उनके दूसरे हाथ में प्रधानमंत्री इमरान का इस्तीफा होना चाहिए। गुरुवार को रहमान ने आर्मी चीफ से मुलाकात भी की थी।

बातचीत से पहले राखी शर्त
मिली जानकारी के मुताबिक, आर्मी चीफ का प्रस्ताव ठुकराने के बाद मौलाना ने अपना रुख और ज्यादा सख्त कर लिया है। गुरुवार रात इमरान ने मंत्रियों की समिति बनाई। इसको मौलाना से बात कर उन्हें आजादी मार्च टालने का काम सौंपा गया। समिति और रहमान के बीच शुक्रवार शाम बातचीत की संभावना है। इसके पहले मौलाना का बयान आ चुका है । उन्होंने कहा- बातचीत करने में कोई परेशानी नहीं है। समिति में शामिल मंत्रियों का स्वागत है। वो जरुर आएं लेकिन दूसरे हाथ में प्रधानमंत्री इमरान खान का इस्तीफा साथ लाना न भूले । इस्तीफे के बिना कोई बातचीत नहीं होगी।

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