दिल्ली आकर दीदी कर रही हैं सबसे मुलाकात, केंद्र में भी खेला होबे?

इन दिनों पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी दिल्ली दौरे पर हैं, 5 दिनों के इस दौरे पर वो सारे विपक्ष को अपने पाले में करना चाहती हैं. अब हर कोई ये सोच रहा होगा कि भला वो ऐसा क्यों कर रही हैं, तो इसे इस तरह समझिए कि दीदी इस वक्त दूर की सोच रही हैं.

तृणमूल कांग्रेस प्रमुख एवं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को कहा कि विपक्षी पार्टियों की एकता अपने आप आकार ले लेगी. हालांकि, वह नेतृत्व की भूमिका निभाने के सवालों को टाल गई.

बंगाल विधानसभा चुनावों में अपनी पार्टी के शानदार जीत हासिल करने के बाद बनर्जी पहली बार राजधानी दिल्ली आई हैं. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की और इसे प्रोटोकॉल का हिस्सा बताया. बनर्जी ने मुलाकात के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘मैंने प्रधानमंत्री से मिलने का समय मांगा था. यह एक शिष्टाचार यात्रा थी.’

उन्होंने ये भी कहा कि ‘चुनाव के बाद, प्रोटोकॉल का पालन करते हुए हमें एक बार प्रधानमंत्री से मुलाकात करनी थी. मैंने कोविड से जुड़ी स्थिति के बारे में भी उन्हें बताया. मैंने उनसे यह सुनिश्चित करने को कहा कि पश्चिम बंगाल को टीकों की पर्याप्त खुराक की आपूर्ति की जाए. मैं अन्य राज्यों को टीके उपलब्ध कराये जाने के खिलाफ नहीं हूं, बंगाल की आबादी को ध्यान में रखते हुए, हमें कहीं अधिक खुराक की जरूरत है.’

उन्होंने बताया कि मई में प्रधानमंत्री की बंगाल यात्रा के दौरान उनके साथ बैठक करने की कोई गुंजाइश नहीं थी. बनर्जी ने यह भी कहा कि उन्होंने पश्चिम बंगाल के नाम परिवर्तन का मुद्दा भी उठाया और प्रधानमंत्री से कहा कि यह लंबे समय से लंबित विषय है, जिसका समाधान किया जाना चाहिए.

हालांकि, तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने यह बताने से इनकार कर दिया कि क्या उन्होंने पेगासस विवाद पर प्रधानमंत्री के साथ चर्चा की. बनर्जी ने कहा कि प्रधानमंत्री को जासूसी विवाद पर एक सर्वदलीय बैठक बुलानी चाहिए और उच्चतम न्यायालय नीत जांच कराने पर फैसला करना चाहिए.

यह पूछे जाने पर कि 2024 के लोकसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए विपक्षी पार्टियों के साथ क्या उनकी सिलसिलेवार बैठकें करने की योजना है, उन्होंने कहा कि आम चुनाव अभी बहुत दूर है. बनर्जी ने कहा, ‘हालांकि, इसके लिए योजना पहले बनानी होगी. जैसे कि उत्तर प्रदेश, पंजाब और त्रिपुरा में चुनाव हैं. जैसे कि त्रिुपरा में हमारे लड़कों के साथ क्या हुआ और दैनिक जागरण का मुद्दा.’

विपक्षी नेताओं को एकजुट करने की उनकी कोशिशों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि यह ‘अपने आप’ हो जाएगा. उन्होंने कहा, ‘विपक्षी एकता स्वाभाविक रूप से, अपने आप हो जाएगी.’ यह पूछे जाने पर कि क्या वह भाजपा के खिलाफ विपक्ष का नेतृत्व करेंगी, बनर्जी ने कहा, ‘देश विपक्ष का नेतृत्व करेगा, हम सब समर्थक हैं.’

उन्होंने कहा कि संसद का सत्र खत्म होने और कोरोना वायरस महामारी की स्थिति सामान्य होने पर वह सभी विपक्षी सदस्यों से मिलेंगी. अपने इस बयान से उन्होंने यह संकेत दिया है कि उनकी एक और यात्रा जल्द हो सकती है. इस बार उनकी बैठक कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी जैसी नेताओं के साथ होनी है जिन्होंने उन्हें चाय पर बुलाया है.

बनर्जी ने कहा, ‘उन्होंने मुझे कल चाय पर चर्चा के लिए बुलाया है. इनमें से कई नेता मेरे पुराने मित्र हैं. हम पुराने और नये समय पर चर्चा करेंगे. मैं परसो अरविंद केजरीवाल से मिलूंगी. जावेद अख्तर और शबाना आजमी ने भी वक्त मांगा है, मैंने उनके लिए वक्त निर्धारित किया है. मैं कल अपनी पार्टी के सांसदों से मिलूंगी. मैंने आज कांग्रेस नेता कमल नाथ, आनंद शर्मा और अभिषेक मनु सिंघवी से मुलाकात की.’

उनकी सूची में एक नाम नजर नहीं आ रहा है और वह हैं राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी प्रमुख शरद पवार का. बनर्जी ने कहा, ‘मैंने शरद पवार से बात नहीं की है. मैं मॉनसून सत्र के बाद उनसे मिलूंगी.’ उन्होंने यह भी कहा कि वह राष्ट्रपति से भी मिलना चाहती हैं लेकिन उन्हें यह बताया गया है कि उन्हें इसके लिए पहले आरटी-पीसीआर जांच करानी होगी, उन्होंने कहा कि यह अभी मुश्किल है.

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