पश्चिम बंगाल (West Bengal) की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ( Mamta Banerjee) ने गुरुवार को गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) से मुलाकात की। इसके बाद ममता ने मीडिया से कहा, ‘‘मैं यहां असम के नेशनल सिटिजन रजिस्टर (NRC) की आखिरी लिस्ट से बाहर किए गए 19 लाख लोगों के बारे में चर्चा करने आई थी। मैंने शाह से कहा कि सभी को एनआरसी में शामिल किया जाना चाहिए। बंगाल में एनआरसी (NRC) की जरूरत नहीं है।’’
ममता ने कहा कि गृह मंत्री ने मेरी बातों को गंभीरता से सुना और मुझे विश्वास है कि वह इस दिशा में जरूरी कदम उठाएंगे। लोकसभा चुनाव के बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने पहली बार शाह से मुलाकात की है।
ममता बुधवार को मोदी से मिली थीं
ममता ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात भी की थी। उन्होंने पश्चिम बंगाल का नाम बदलकर बांग्ला करने का अनुरोध किया था। इस मुद्दे पर मोदी ने जरूरी कदम उठाने का वादा भी किया था। ममता ने इस साल संपन्न हुए लोकसभा चुनाव के बाद पहली बार मोदी से मुलाकात की। ममता ने प्रधानमंत्री से विश्व के दूसरे सबसे बड़े कोयला ब्लॉक देवचा पचामी के लिए आयोजित कार्यक्रम में शामिल होने का अनुरोध भी किया था।
ममता बनर्जी ने गृह मंत्री अमित शाह को सौंपा है पत्र
शाह से मुलाकात के बाद ममता ने कहा कि मैंने गृह मंत्री को पत्र सौंपा है। उन्होंने कहा कि एनआरसी में काफी संख्या में मतदाता छूट गए हैं, जिनमें अधिकांश हिन्दी भाषी, बांग्लाभाषी और स्थानीय आसामी हैं। उन्हें मौका दिया जाए। ममता बनर्जी ने कहा कि मैंने सिर्फ असम एनआरसी के मुद्दे पर बातचीत की है। बंगाल के बारे में कोई बात नहीं की। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी कहा है कि बिहार में एनआरसी की आवश्यकता नहीं है।
ममता ने पहले भी एनआरसी का मुद्दा उठाया
ममता पहले भी असम एनआरसी में 19 लाख लोगों का नाम शामिल किए जाने का मुद्दा उठा चुकी हैं। उन्होंने कहा था कि सिर्फ चुनाव जीतने के लिए इसे लागू किया जा रहा है। ममता ने देश के पूर्व राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद के परिवार के लोगों के नाम लिस्ट में नहीं होने पर भी सवाल उठाए थे। बुधवार को शाह ने सभी राज्यों में एनआरसी लागू करने की घोषणा की थी। ऐसे में ममता की यह मुलाकात अहम मानी जा रही है।
