महाराष्ट्र में कोरोना मरीजों (Corona Virus in Maharashtra) की संख्या और मौत के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। इसको देखते हुए ठाकरे सरकार कुछ समय के लिए लॉकडाउन (Lockdown latest news) लगाने पर विचार कर रही है। स्वास्थ्य विभाग के सीनियर अफसरों और कोविड टास्क फोर्स के साथ बैठक में CM ठाकरे ने लॉकडाउन जैसी पाबंदियों का खाका तैयार करने को कहा है। CM ने कहा कि अगर लोग लगातार लापरवाही जारी रखेंगे तो मजबूरी में इन पाबंदियों को लगाना पड़ेगा।
हालांकि पहले से ही नाजुक दौर से गुजर रहे आघाड़ी गठबंधन में लॉकडाउन के बहाने मतभेद की पटकथा तैयार हो रही है। CM के लॉकडाउन जैसी पाबंदियां लगाने के प्लान पर एनसीपी ने कड़ी आपत्ति जाहिर की है। उद्धव सरकार में मंत्री और सीनियर NCP नेता नवाब मलिक ने कहा, ‘हम लॉकडाउन जैसा जोखिम लेने की स्थिति में नहीं हैं। हमने CM से अन्य विकल्पों पर विचार करने को कहा है। कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए उन्होंने अधिकारियों से लॉकडाउन के लिए तैयार रहने को कहा है, मगर इसका मतलब यह नहीं है कि लॉकडाउन टाला नहीं जा सकता। अगर लोग नियम मानते हैं, तो इससे बचा जा सकता है।’
उधर बीजेपी ने भी लॉकडाउन लगाने का विरोध करने का निर्णय लिया है। BJP प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल का कहना है कि राज्य सरकार आम जनता को एक रुपये का भी पैकेज नहीं दे रही है, लेकिन कोरोना को नियंत्रण के नाम पर लॉकडाउन लगाना चाहती है, तो हम इसका कड़ा विरोध करेंगे। उन्होंने कहा कि मातोश्री में बैठकर लॉकडाउन से आम लोगों को होने वाली परेशानी कैसे पता चलेगी?
CM उद्धव ठाकरे की अध्यक्षता में टास्क फोर्स की अहम बैठक हुई। बैठक में संकेत दिया गया कि अगर संक्रमण रोकने के लिए जारी दिशा-निर्देशों का कड़ाई से पालन नहीं किया गया, तो संपूर्ण राज्य में दोबारा लॉकडाउन लगाया जाएगा। उन्होंने मंत्रालय सहित सरकारी कार्यालयों में आम लोगों के प्रवेश पर पाबंदी लगाने का निर्देश दिया और 50% कर्मचारी बुलाने का सख्ती से पालन नहीं करने पर निजी कार्यालयों और प्रतिष्ठानों को लॉकडाउन के लिए तैयार रहने को कहा।
टास्क फोर्स के डॉक्टरों ने यह भी बताया कि संक्रमण में वृद्धि होने से मौतों की संख्या में भी वृद्धि हो सकती है। विशेष रूप से समय पर टेस्ट न करवाने और अस्पताल में भर्ती होने में देरी और आइसोलेशन और क्वारंटीन के नियमों का पालन न करने पर मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है। बैठक में CM उद्धव ठाकरे ने स्पष्ट निर्देश दिया कि हम पूरी कोशिश कर रहे हैं कि कोरोना वायरस से अर्थव्यवस्था को खराब होने बचाएं, लेकिन ऐसे कई कारक अभी भी हैं, जो जारी दिशा-निर्देशों का न तो ठीक से पालन कर रहे हैं और न ही इसे गंभीरता से ले रहे हैं। निजी कार्यालयों से अभी भी उपस्थिति नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है।