कोरोना(Corona) महामारी का खौफ इस कदर लोगों के दिल ओ दिमाग में घर कर गया है कि कोरोना से बचाव के लिए लोग अपने.अपने तरीके अपना रहे हैं तो कहीं अंधविश्वास भी जमकर अपना असर दिखा रहा है।बिहार(Bihar) के मधेपुरा जिले के एक गांव में आक के पेड़ से पानी टपका तो लोग उसे पीने के लिए लॉकडाउन(Lockdown) की धज्जियां उड़ा दिए, बाद में जब वैज्ञानिकों ने इस पानी को जांचा तो वह जहर की तरह खतरनाक निकला।
बिहार में मधेपुरा के एक गांव में आक के पेड़ से कई दिनों से पानी टपक रहा था।गांव वालों ने इसे चमत्कार माना और पानी पीने के लिए भीड़ की शक्ल में उमड़ पड़े,ताकि कोरोना बीमारी से बचाव हो सके,जब इस बात की खबर कृषि वैज्ञानिकों को लगी तो पेड़ से गिर रहे पानी की वजह तलाशी गई, जो बेहद चौंकाने वाली थी।
मधेपुरा(Madhepura) के कोल्हाय पट्टी,डुमरिया और रघुनाथपुर सीमा पर स्थित एक पेड़ से पानी टपक रहा है।इस पानी को लोग कोरोना का इलाज मान रहे हैं। इस पानी को पीने के लिए कोरोना के कारण लॉकडाउन के बावजूद दूर.दूर से सैकड़ों लोग आ रहे हैं।कोरोना की वजह से जारी लॉकडाउन के बावजूद सोशल डिस्टेंस की धज्जियां उड़ाती कई महिलाओं की भीड़ इस पेड़ के नीचे दिखी।
बीते कुछ दिनों से यहां का यही नजारा है। इस आक के पेड़ को लोग देवीय पेड़ मान रहे हैं।ऐसी मान्यता है कि जो इससे टपकते पानी को पीएगा,उसे कोरोना नहीं होगा।लोग इसकी एक बूंद पाने को बैचेन हैं।