lalu FODDER SCAM VERDICT

क्या विपक्षी गोलबंदी के केंद्र में हैं लालू? जानें कैसे मोदी-योगी के खिलाफ बन रहे सियासी समीकरण

राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) से मिलने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के सुप्रीमो शरद पवार(Sharad Pawar), सपा महासचिव रामगोपाल यादव (Ram Gopal Yadav) और कांग्रेस नेता अखिलेश प्रसाद सिंह (Akhilesh Prasad Singh) पहुंचे थे। इसके बाद विपक्षी गोलबंदी को लेकर अटकलों का दौर शुरू हो गया है। राजनीतिक गलियारों में चल रही चर्चा के मुताबिक चारों नेता के बीच आगामी विधानसभा में यूपी चुनाव को लेकर बातचीत हुई। हालांकि मुलाकात के बाद अखिलेश प्रसाद सिंह ने इसे औपचारिक बतााया, लेकिन क्या बात हुई इसपर टिप्पणी नहीं की। बता दें कि पश्चिम बंगाल के CM ममता बनर्जी सोनिया गांधी से मिल चुकी हैं और केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ विपक्षी एकजुटता की कवायद में हैं। इन सब के बीच एक खास बात यह फिर नजर आई कि अभी भी लालू प्रसाद यादव की महत्ता देश की सियासत में बनी हुई है।

दरअसल इन सब कवायदों के बीच यह बात स्पष्ट होती जा रही है कि तमाम दुश्वारियों को झेलने के बावजूद लालू यादव आज भी प्रासंगिक बने हुए हैं। RJD अध्यक्ष एक बार फिर विपक्षी राजनीति की धुरी बनते जा रहे हैं। चारा घोटाला मामले में जमानत मिलने के बाद से ही बड़े मामलों पर विपक्षी नेताओं का उनसे मिलना और विचार विमर्श करने का सिलसिला जारी है। राजनीति के जानकार बताते हैं कि फिलहाल बिखरे हुए विपक्षी नेताओं एक मंच पर लाने की काबिलियत किसी एक नेता में है तो वह लालू प्रसाद यादव ही हैं।

लालू केंद्र में कैसे हैं इसको अगर जानना हो तो गुरुवार को जब RJD सुप्रीमो संसद परिसर में वैक्सीन लेकर मीडिया से बात कर रहे थे तो उनकी भी बातों से यही जाहिर हुआ। उन्होंने देश के मौजूदा हालात पर बोलते हुए कहा, ‘देश बहुत पीछे चला गया है, हर क्षेत्र में पिछड़ता जा रहा है।’ उन्होंने यह भी कहा कि देश को वापस पटरी पर लाने के लिए बहुत मुश्किल होगी और इसमें न जाने कितने साल लग जाएंगे’ लालू यादव ने मोदी सरकार के बारे में कहा कि वे देश को काफी पीछे लेकर चले गए हैं। लालू ने पश्चिम बंगाल की CM ममता बनर्जी की तारीफ करते हुए कहा कि वह बहुत अच्छा काम कर रही हैं।

राजनीति के जानकारों की नजर में मोदी की बुराई व ममता की तारीफ करने वाले लालू प्रसाद यादव के साथ विपक्षी नेताओं की मुलाकात का सियासी कनेक्शन यूपी में 2022 में होने वाले विधान सभा चुनाव से भी जुड़ता है। समाजवादी पार्टी के नेता रामगोपाल यादव की मौजूदगी रहने से यूपी चुनाव की रणनीति पर मंथन की चर्चा भी हो रही है। दरअसल SP के साथ NCP के यूपी चुनाव में उतरने की बात कही जा रही है। हालांकि रामगोपाल यादव और लालू यादव आपस में रिश्तेदार भी हैं, लेकिन वर्तमान मुलाकात के सिर्फ और सिर्फ सियासी मायने हैं क्योंकि यूपी पर विपक्षी दलों की खास नजर है।

सियासत के जानकार बताते हैं कि केंद्र की सत्ता का रास्ता वाया यूपी ही जाता है। यूपी में लोकसभा की 80 सीटें हैं और पिछले दो चुनावों से BJP ने यहां बेहतरीन प्रदर्शन किया है। ऐसे में विपक्ष चाहता है कि आगामी विधान सभा चुनाव के जरिये ही विपक्ष को एक मंच पर लाने की कवायद की जाए। अगर पूरा विपक्ष एक साथ आता है तो जानकारों व नेताओं का मानना है कि यूपी में BJP पिछड़ भी सकती है। ऐसे में आने वाले लोकसभा चुनाव में BJP की राह कठिन की जा सकती है।

हालांकि विपक्ष का यह प्रयोग कितना सफल होता है, यह आने वाले दिनों में पता चलेगा। लेकिन लालू यादव इस गोलबंदी का एक बड़ा चेहरा हो सकते हैं। दरअसल लालू यादव के सोनिया गांधी, शरद पवार और रामगोपाल यादव के साथ ही पश्चिम बंगाल की CM ममता बनर्जी से भी बहुत अच्छे रिश्ते हैं। लालू ने गुरुवार को केंद्र की मोदी सरकार को कोसते हुए ममता बनर्जी के काम की तारीफ की और सियासी संकेत भी दे दिए। ऐसे में 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले यूपी में विपक्ष की गोलबंदी प्रयोग हो सकता है। सपा, राजद और एनसीपी के एक साथ आने की उम्मीद के बीच ममता बनर्जी पहले ही अखिलेश यादव के समर्थन में प्रचार करने की बात कह चुकी हैं।

हालांकि दुविधा कांग्रेस की स्थिति को लेकर है। प्रियंका गांधी पहले ही कह चुकी हैं कि मोदी-योगी की सरकार को हराने के लिए वह किसी भी विकल्प पर विचार कर सकती हैं। बता दें कि कांग्रेस के नेतृत्व में यूपीए पहले से मोदी सरकार के खिलाफ सक्रिय है। अब जब विपक्ष की गोलबंदी की कवायद की जा रही है और लालू यादव इसके केंद्र में नजर आ रहे हैं तो आने वाले समय में संभव है कि विपक्ष के बिखराव को रोकने के लिए सोनिया गांधी भी विपक्षी एकता के लिए साथ आ जाएं। राजनीति के जानकार कहते हैं कि अगर यह संभव होगा तो इसके केंद्र में लालू यादव ही होंगे।

Leave a Comment

Your email address will not be published.

बिहार के इन 2 हजार लोगों का धर्म क्या है? विश्व का सबसे अमीर क्रिकेट बोर्ड कौन सा है? दंतेवाड़ा एक बार फिर नक्सली हमले से दहल उठा SATISH KAUSHIK PASSES AWAY: हंसाते हंसाते रुला गए सतीश, हृदयगति रुकने से हुआ निधन India beat new Zealand 3-0. भारत ने किया कीवियों का सूपड़ा साफ, बने नम्बर 1