लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में चीफ जस्टिस एनवी रमना, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस हिमा कोहली की बेंच ने सुनवाई की. सीजेआई ने कहा कि इस मामले में हमें 100 के करीब मेल आए है, लेकिन सबको बहस करने की इजाजत नहीं दे सकते. सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि क्या ममले में राज्य सरकार की तरफ से सीबीआई जांच की कोई सिफारिश की गई है. यूपी सरकार के वकील ने कहा नहीं मामले में CBI जांच की सिफारिश नहीं की गई है.
सर्वोच्च न्यायालय ने कहा है कि वह लखीमपुर खीरी हिंसा मामले की जांच में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा उठाए गए कदमों से संतुष्ट नहीं है. चीफ जस्टिस एनवी रमना ने उत्तर प्रदेश सरकार को अपने डीजीपी से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि जब तक कोई अन्य एजेंसी इसे संभालती है तब तक मामले के सबूत सुरक्षित रहें.