जानिए अनामिका शुक्ला को कैसे मिली 25 जिलों मे नौकरी

यूपी के 25 जिलों में नौकरी करने वाली Anamika shukla मामले में हर स्तर पर लापरवाही बरती गई। जांच के बाद जब इस बात का खुलासा हुआ कि Anamika shukla नाम की टीचर एक साथ कई जिले में नौकरी कर रही है तो अधिकारियों में खलबली मच गई। Anamika का काला चिट्ठा 12 दिन में खुला।

फोटोकॉपी के आधार पर दे दी नियुक्ति :

प्रयागराज सहित पांच जिलों के कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों में एक ही प्रमाणपत्र के आधार पर नौकरी करने की आरोपित शिक्षिका Anamika shukla के बिना मूल दस्तावेज देखे उसे नियुक्त कर दिया गया था। मंडलीय सहायक बेसिक शिक्षा निदेशक रमेश कुमार तिवारी ने मामले की जांच पूरी करते हुए रिपोर्ट शासन को भेज दी है।

26 मई से शुरू हुई जांच :
राज्य परियोजना निदेशक, समग्र शिक्षा उप्र लखनऊ से 26 मई को एक पत्र जारी किया गया था। इसमें कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय फरीदपुर में शिक्षिका (विज्ञान) Anamika shukla पुत्री सुभाष चन्द्र शुक्ला के प्रमाणपत्रों की जांच करने को कहा गया था। इन प्रमाणपत्रों में मूल शैक्षिक प्रमाणपत्र, निवास अभिलेख एवं पहचान प्रमाणपत्र शामिल हैं। इसकी जांच रिपोर्ट उपलब्ध कराने के निर्देश मण्डलीय सहायक शिक्षा निदेशक (बेसिक) अलीगढ़ को दिए गए। ये भी कहा गया कि शिकायत सही मिलने पर वेतन की रिकवरी कराते हुए मुकदमा दर्ज कराया जाए। एडी बेसिक के निर्देश पर 4 जून को अध्यापिका को नोटिस जारी किया गया। इसका जवाब देने में उसे दो दिन लग गए। इसके बाद वो शनिवार को जवाब और इस्तीफे के साथ बीएसए दफ्तर पहुंची, लेकिन पुलिस-प्रशासन के आगे उसकी एक नहीं चली। इससे पहले शासन और मंडलीय अधिकारियों के दिशा निर्देश पर बीएसए ने 5 जून को 3 सदस्यीय जांच समिति गठित की थी। समिति ने भी जांच शुरू कर दी है। शनिवार को अनामिका के पकड़े जाने पर समिति ने भी बीएसए ऑफिस में उससे जानकारियां जुटाईं।

विभाग ने प्रथम दृष्टया दोषी माना
बीएसए ने रिपोर्ट में कहा है कि राज्य परियोजना निदेशक के पत्र के क्रम में Anamika shukla पुत्री सुभाष चन्द शुक्ला प्रथम दृष्टया दोषी मिली है। यह भी पता चला है कि Anamika ने फर्जी अभिलेखों के आधार पर विभाग को गुमराह करते हुए नियुक्ति प्राप्त की है। उक्त अध्यापिका नोटिस के जवाब में अपना त्यागपत्र प्रस्तुत करने के लिए ऑफिस में उपस्थित हुई थी।

बदलती रही नाम :

Anamika shukla के नाम से फर्जी नौकरी करने वाली शिक्षिका ने पूछताछ में पुलिस को कई बार छकाया। पूछताछ के दौरान बराबर वह अपना नाम बदलती रही। पकड़ी गई शिक्षिका ने ना केवल अपना नाम बदल -बदल कर बताया बल्कि कई बार गुमराह करने वाली जानकारियां देकर पुलिस को परेशान किया।

पहले बताया कि अनामिका शुक्ला हूं
जैसे ही फर्जी शिक्षिका बीएसए के समक्ष पेश हुई और उससे नाम पता पूछा गया तो उसने अपना नाम Anamika shukla पुत्री सुभाष चंद्र शुक्ला बताया। कहा कि उसके दस्तावेज और नियुक्ति प्रक्रिया पूरी तरह से ठीक हुई है। यह सुनकर सभी हैरान रह गये।

पुलिस के आते ही अनामिका सिंह बनी
सूचना के बाद बीएसए ऑफिस पहुंची पुलिस ने फर्जी शिक्षिका को हिरासत में लेकर जब उसका नाम पूछा तो उसने अपना नाम Anamika shukla बताना शुरू कर दिया। इसके बाद पुलिस उसे कोतवाली लेकर पहुंची। यहां महिला ने पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की।

बाद में प्रिया सिंह बताकर चौंकाया
बार बार गलत जानकारी देने पर जब पुलिस ने महिला के साथ सख्ती की तो उसके चेहरे की हवाईयां उड़ने लगीं। पुलिस के अनुसार उसने पूछताछ में तीसरी बार अपना नाम प्रिया सिंह पुत्री महीपाल सिंह निवासी लखनपुर कायमगंज बताया। अब पुलिस उसकी सच्चाई को खंगालने में जुट गई।

बरेली, सहारनपुर और बागपत तक हड़कंप :

Anamika shukla वर्ष 2018 में बरेली में भी गड़बड़ी करते पकड़ी गई थी। अनामिका बा स्कूलों की काउसंलिंग में शामिल होने यहां आई थी। फोटो में अंतर के चलते वो पकड़ में आ गई थी। बीएसए कार्यालय से लेकर कस्तूरबा स्कूलों तक अनामिका कनेक्शन को तलाशा जा रहा है। Anamika shukla की नियुक्ति का फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद सहारनपुर और बागपत में भी हड़कंप मचा हुआ है, क्योंकि इन दोनों जिलों में भी वह तैनात रही थी। Anamika के खिलाफ सहारनपुर में मुकदमा दर्ज कराया गया है, वहीं बागपत में भी जांच चल रही है।

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