दिल्ली से पढ़ाई करने वाले राहुल के नाम से आप शायद ही इस शख्स को पहचान पाएंगे, मगर जैसे ही राहुल बजाज (Rahul Bajaj) को पढ़ेंगे वैसे ही आप यह कहेंगे मशहूर उद्योगपति और बजाज ग्रुप के पूर्व अध्यक्ष। जी हां हम बात कर रहे हैं बजाज स्कूटर पर देश को तेजी से चलना सिखाने वाले और बदलते भारत के स्टाइल आइकन कहे जाने वाले राहुल बजाज की। राहुल बजाज (Rahul Bajaj) का 83 साल की उम्र में निधन हो गया है। आइए जानते हैं उनके जीवन से जुड़ी बातें।
कौन हैं राहुल बजाज
भारत और पाकिस्तान के बंटवारे के पहले राहुल बजाज (Rahul Bajaj) का जन्म हुआ था। तब के दौर में बजाज का जन्म बंगाल प्रेसीडेंसी में 10 जून को 1938 में हुआ था। उनकी पहचान भारत के सफल उद्योगपति के रूप में होती है। हालांकि उनके व्यवसाय की शुरुआत राहुल के दादा ने की थी। राहुल के दादा का नाम जमनालाल बजाज था जिन्होंने नौकरी नहीं कर बिजनेस में अपनी किस्मत आजमाई।
कहां से हुई पढ़ाई- लिखाई
राहुल की पढ़ाई सबसे पहले कैथेड्रल एंड जान कॉनलन स्कूल से शुरू हुई इसके बाद देश की राजधानी दिल्ली से उनका वास्ता पड़ा। यहां से उन्होंने सेंट स्टीफेंस कॉलेज से अर्थशास्त्र की पढ़ाई की। दिल्ली से आनर्स की पढ़ाई होते ही वह देश की आर्थिक राजधानी मुबंई तब के बंबई शहर का रुख कर लिया। बंबई विश्वविद्यालय से उन्होंने कानून की पढ़ाई कर वहां से डिग्री ले ली। इसके बाद उन्होंने हाइयर पढ़ाई के लिए विदेश चले गए। अमेरिका के बोस्टर्न में दुनिया के नामी कॉलेज हार्वर्ड बिजनेस स्कूल से मास्टर ऑफ बिजनेस मैनेजमेंट की पढ़ाई की। इसके बाद उन्होंने अपने दादा के द्वारा खोले गए बिजनेस में हाथ बंटाना शुरू किया।
किस कारण हुई मौत
राहुल बजाज (Rahul Bajaj) का पुणे में 12 फरवरी यानि आज शनिवार को निधन हो गया। वे 83 साल के थे। राहुल बजाज लंबे समय से कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से पीड़ित थे। उनके निधन की खबर से उनके परिवार में शोक की लहर है, वहीं उनके चाहने वाले सोशल मीडिया पर दुख जताते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे हैं। राहुल कोलकाता के मारवाड़ी बिजनेस परिवार से ताल्लुक रखते थे। उनके पिता का नाम कमलनयन बजाज और माता का नाम सावित्री बजाज है।
बुलंद भारत की बुलंद तस्वीर वाले विज्ञापन से बटोरी थी सुर्खियां
बता दें कि भारत में बजाज स्कूटर जिस वक्त लांच किया गया था उस वक्त देश को जरूरत थी एक ऐसे सस्ते वाहन की जिस पर आम भारतीय सवारी कर सके और अपने समय की बचत के लिए फर्राटे से सफर को तय कर सके। राहुल बजाज ने समय की मांग को देखते हुए बजाज स्कूटर को मार्केट में उतारा और देखते ही देखते यह भारतीयों की नई पहचान बन गई थी। स्टाइल और कम्फर्ट के मामले में भी बजाज आम आदमियों की मांग पर पूरा खरा उतरा था। जिसका नतीजा था कि यह सबसे ज्यादा बिकने वाला वाहन बन गया था। इसको बचने के लिए जिस विज्ञापन को दिखाया गया था उसके गाने भी लोगों की जुबां पर चढ़ गए थे हमारा कल हमारा आज… बुलंद भारत की बुलंद तस्वीर हमारा बजाज।