हैदराबाद में डॉक्टर के साथ की गई दरिंदगी के चारों आरोपियों को मौत के घाट उतारने वाले आईपीएस अधिकारी विश्वनाथ सज्जनार के चर्चे आज सभी की जुबान पर चढ़ गये हैं। घटना के रिकंस्ट्रक्शन के लिए आरोपियों को वारदात की जगह ले जा रही थी, जहां से इन चारों लोगों ने भागने की कोशिश की और पुलिस का हथियार छीनकर फायरिंग करने की कोशिश की। इसके बाद सज्जनार ने चारों आरोपियों का एनकाउंटर कर दिया।
1996 बैच के आईपीएस अफसर विश्वनाथ सज्जनार एन्काउंटर स्पेशलिस्ट के नाम से मशहूर हैं। सज्जनार मूल रूप से कर्नाटक के हुबली के रहने वाले है। उनका जन्म पगडी ओनी, हुबली में हुआ था। सज्जनार स्कूल और हाई स्कूल की पढ़ाई लॉयंस स्कूल हुबली हुई। सज्जना ने जे जी कॉलेज ऑफ कॉमर्स हुबली से बी- कॉम की पढ़ाई की और कौशली इंस्टीट्यूट से एमबीए किया।
सज्जनार सायबराबाद पुलिस कमिश्नर हैं सायबराबाद पुलिस कमिश्नर बनने से पहले सज्जनार स्पेशल इंटलिजेंस ब्रांच के आईजी रहे चुके हैं और इसी इंटलिजेंस ब्रांच के डीआईजी के रूप में भी उन्होंने जिम्मेदारी संभाली है। सज्जनार ने वारंगल जिले के जनगांव में बतौर असिस्टेंट सूपरिंटेंडेंट ऑफ पुलिस के पद से अपने करियर की शुरुआत की।
सज्जनार के ताकतवर नेटवर्क की वजह से ही तेंलगाना में माओवादी, नक्सली गतिविधियों में कमी आई। बतौर आईजी सज्जनार के नेतृत्व में ही पुलिस टीम ने बड़े नक्सल लीडर नईमुद्दीन को मारकर नक्सली नेटवर्क की कमर तोड़ दी थी।
साल 2008 में वारंगल जिले में दो इंजीनियरिंग की छात्रा पर एक तरफा प्यार के चलते आरोपी श्रिनिवास राव और उसके दो साथी पी हरिकिशन, बी संजय ने एसिड अटैक किया था। पुलिस ने तीनों आरोपियों के गिरफ्तार किया। वी सज्जनार उस समय वारंगल एसपी थी और उन्होंने उन तीनों आरोपियों को भी एन्काउंटर में मार गिराया गया।
सज्जनार के पुलिस कमिश्नर होने से लोगों में तुरंत न्याय की उम्मीद दुबारा जगने लगी। सज्जनार महिला और बाल सुरक्षा पर ज़्यादा ध्यान देते हैं। साथ ही कम्यूनिटी पुलिसिंग, सायबर क्राइम और ह्यूमन ट्रैफ़िकिंग पर विशेष काम भी करते हैं। 2008 में भी वारंगल में तीन एसिड अटैक के आरोपियों को एन्काउंटर किया था। सज्जनार कम्यूनिटी पुलिसिंग, सायबर क्राइम और ह्यूमन ट्रैफ़िकिंग पर विशेष काम भी करते है।