Lockdown के बीच देश के अलग-अलग शहरों से प्रवासी मजदूरों (Migrant Worker) का वापस अपने-अपने शहर लौटने का सिलसिला लगातार जारी है। केरल (Kerala) से भी करीब 7000 मजदूरों को बिहार, ओडिशा और झारखंड जैसे राज्य भेजा जा रहे हैं। केरल के तिरुवनंतपुरम में सरकार और प्रशासन की तरफ से सोशल डिस्टेंसिंग(SOCIAL DISTANCING) को लेकर पूरी सावधानी बरती जा रही है। मजदूरों को बस से रेलवे स्टेशन लाया जा रहा है। इसके अलावा दो-दो बार इनकी मेडिकल जांच भी की जा रही है।
जिले के कलेक्टर के गोपालकृष्णन के मुताबिक, सभी मजदूरों को तीन, मास्क, साबुन, खाने के पैकेट दिए जा रहे हैं। इसके अलावा यात्रा के अगले दिन IRCTC की तरफ से इन्हें खाना देने का इंतज़ाम किया गया है। इसके लिए केरल सरकार ने अलग से IRCTC से बातचीत की है। इसके अलावा करीब 20 रेलवे अधिकारियों को भी ट्रेन में भेजा जा रहा है, जिससे कि CORONA और लॉकडाउन को लेकर सारे गाइडलाइंस को फॉलो किया जाए।
हालांकि इस दौरान ट्रेन का किराया लोगों को खुद देना पड़ रहा है। कई लोगों के पास पैसे नहीं हैं। ऐसे में वो दूसरे से उधार मांग कर या फिर घर से पैसे मंगाकर वापस लौट रहे हैं। ऐसे में कई लोगों को परेशानी हो रही है। राजू मंडल नाम के एक ऐसे ही प्रवासी मजदूर बताते हैं कि उन्होंने अपने परिवार से टिकट के पैसे मंगवाएं। मैं अपने मम्मी-पापा से पैसे मंगवाए। मैं काम से जो भी कमाया था सब उन्हें भेज देता था। उनके पास जीविका का कोई दूसरा जरिया नहीं है।’
वहीं एक अन्य प्रवासी मजदूर कहते हैं कि उन्होंने अपनी पत्नी से पैसे मंगवाएं थे। वह जो पैसे उन्हें भेजते थे, वहीं बचा कर रखे थे। रेलवे ने शनिवार को आठ राज्यों से लगभग 10,000 प्रवासी मजदूरों को उत्तर प्रदेश, झारखंड और बिहार में उनके घर तक पहुंचाने के लिए 10 ट्रेनें चलाईं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इन आठ राज्यों- तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तेलंगाना, केरल, राजस्थान, महाराष्ट्र और गुजरात के अनुरोध पर ट्रेन चलाने की योजना बनाई गई।
रेलवे पुलिस बल (RPF) के महानिदेशक अरुण कुमार ने कहा, ‘हमने आज के लिए 20 ट्रेनों की योजना बनाई है और वे पांच दक्षिणी राज्यों और महाराष्ट्र, गुजरात और राजस्थान से झारखंड, उत्तर प्रदेश और बिहार के लिए चलेंगी। सामाजिक दूरी बनाए रखने के निर्देश का पालन करते हुए प्रत्येक ट्रेन में लगभग 1,000 यात्री सवार हैं।