U TURN ON RENT PROMISE

मकान का किराया देने के वादे पर केजरीवाल का यूटर्न, HC में कहा-सिर्फ अपील थी, कोई वादा नहीं

कोरोना काल में दिल्ली सरकार ने आम जनता को राहत देने के लिए कई तरह की बड़ी घोषणा की थी। इस दौरान पिछले साल 29 मार्च को कोरोना महामारी के दौरान सीएम अरविंद केजरीवाल ने एक प्रेस वार्ता में गरीब किरायेदार के किराए का भुगतान करने की बड़ी घोषणा की थी लेकिन उनका कोशिशों को तब झटका लगा जब ये ये फैसला लागू नहीं किया गया था।

इसके बाद मामला हाई कोर्ट जा पहुंचा और बाद में हाई कोर्ट की सिंगल जज बेंच ने इस फैसले को लागू करने योग्य बताया था लेकिन एक बार फिर दिल्ली हाई कोर्ट ने सिंगल जज के उस फैसले पर रोक लगा दी है, जिसमें कहा गया था कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का कोविड महामारी के दौरान गरीब किरायेदार के किराए का भुगतान करने का वादा लागू करने योग्य है।

सिंगल जज के फैसले के खिलाफ दिल्ली सरकार ने हाईकोर्ट में अपील की। इसके बाद सोमवार को चीफ जस्टिस डीएन पटेल और जस्टिस ज्योति सिंह की बेंच ने सिंगल जज ने रोक लगाने का कदम उठाया है और अब अगली सुनवाई 29 नवंबर को तय की है।

इस पूरे मामले में दिल्ली सरकार की तरफ से सीनियर वकील मनीष वशिष्ठ ने पक्ष रखा। उन्होंने कोर्ट को बताया कि ऐसा कोई वादा नहीं किया गया था। हमने सिर्फ इतना कहा था कि प्रधानमंत्री के आदेश का पालन करें।

हमने मकान मालिकों से किराए के लिए किरायेदारों को मजबूर न करने को कहा था और ये भी कहा था कि अगर किरायेदारों को कोई साधन नहीं मिलते हैं तो सरकार इस पर गौर करेगी।

दिल्ली सरकार का पक्ष सुनने के बाद हाई कोर्ट ने सरकार से पूछा है कि क्या आपका इरादा भुगतान करने का नहीं है? कोर्ट यही नहीं रूकी उसने आगे कहा कि 5 फीसदी भी नहीं? तो जवाब देते हुए वरिष्ठ वकील ने कहा कि ‘‘केवल तभी जब स्थिति की मांग हो।

इस पूरे मामले पर तब 22 जुलाई को जस्टिस प्रतिभा एम. सिंह की बेंच ने इस पर आदेश दिया था और कहा था कि सीएम का वादा लागू करने के लिए योग्य था। इतना ही नहीं तब केजरीवाल सरकार को छह हफ्ते का वक्त भी दिया था।

इस दौरान कोर्ट ने यह भी कहा था कि केजरीवाल ने प्रेस वार्ता के दौरान जो वादा किया है उसे किसी भी तरह से नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। अब देखना होगा कि केजरीवाल सरकार अब कोर्ट के फैसला पर अगला कदम क्या उठाती है।

केजरीवाल ने मकान मालिकों से अपील की थी वो किराएदारों को मोहलत दे। उन्होंने इसको लेकर एक ट्वीट किया था और कहा था कि मेरी सभी मकान मालिकों से अपील है-लॉकडाउन के दौरान अगर आपके किराएदारों के पास तुरंत किराया देने के पैसे न हो तो अगले एक या दो महीने का किराया बाद में किश्तों में ले लें। इस महामारी के दौरान किसी गरीब को हम बेसहारा और भूखा नहीं छोड़ सकते। ये हम सबकी साझी जिम्मेदारी है।

Leave a Comment

Your email address will not be published.

बिहार के इन 2 हजार लोगों का धर्म क्या है? विश्व का सबसे अमीर क्रिकेट बोर्ड कौन सा है? दंतेवाड़ा एक बार फिर नक्सली हमले से दहल उठा SATISH KAUSHIK PASSES AWAY: हंसाते हंसाते रुला गए सतीश, हृदयगति रुकने से हुआ निधन India beat new Zealand 3-0. भारत ने किया कीवियों का सूपड़ा साफ, बने नम्बर 1