Kanya Sankranti 2021: हिंदू धर्म में संक्रांति का बड़ा महत्व है। मकर संक्रांति के अलावा भी साल में 11 अन्य Sankranti पड़ती हैं। इसी के साथ हर साल 12 Sankranti मनाई जाती हैं। कन्या Sankranti भी इन्हीं में से एक है। जय सूर्य एक राशि से हटकर अन्य राशि में प्रवेश करता है तो वह घटनाक्रम संक्रांति कहलाता है। ज्योतिषशास्त्र के मुताबिक कुंडली में सूर्य द्वारा जगह बदलने का असर भी साफ दिखाई देता है। यही वजह है कि हर Sankranti का अपना महत्व होता है। जब सूर्य अपनी स्थिति बदलकर कन्या राशि में प्रवेश करता है तो वह संक्रांति Kanya Sankranti कहलाती है। इस साल कन्या संक्रांति 16 सितंबर (बुधवार) को मनाई जाएगी।
कन्या संक्रांति का महत्व
आमतौर पर सभी संक्रांतियों पर लोग दान, धर्म का कार्य करते हैं। कन्या संक्रांति पर भी लोग गरीबों को दान देते हैं। इसके साथ ही अपने पितरों की आत्मा की शांति के लिए भी पूजा-अर्चना कराई जाती है। इस दिन पवित्र नदियों या जलाशयों में स्नान का भी काफी महत्व बताया गया है। इसी दिन विश्वकर्मा पूजन भी किया जाता है। यह खासतौर पर बंगाल और उड़ीसा में किया जाता है।
मान्यता है कि विश्वकर्मा जी भगवान के इंजीनियर हैं। उन्हें ब्रह्मा जी के आदेश पर ब्रह्मांड का रचियता भी कहा जाता है। ये भी मान्यता है कि द्वारका से लेकर शिव जी के त्रिशूल तक सभी को भगवान विश्वकर्मा ने रचा था।