मध्य प्रदेश में नेताओं का एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। वार पलटवार के बीच नेता अक्सर मर्यादा की सीमा रेखा तोड़ दे रहे हैं। वहीं विवादित बयानों को लेकर निर्वाचन आयोग भी सख्त हो गया है। निर्वाचन आयोग ने शुक्रवार को आचार संहिता के उल्लंघन को लेकर राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री एवं दिग्गज कांग्रेस नेता कमल नाथ पर सख्त कार्रवाई की। आयोग ने Kamal Nath के स्टार कैंपेनर का दर्जा रद कर दिया है। यही नहीं चुनाव आयोग ने कैलाश वियजवर्गीय को भी आचार संहिता के उल्लंघन पर चेतावनी दी है…
Election Commission ने यह भी कहा है कि स्टार कैंपेनर का दर्जा रद किए जाने के बाद अब आगे वह जिस विधानसभा में प्रचार करेंगे उनके उस चुनावी अभियान का पूरा खर्च संबंधित उम्मीदवार के खाते में जाएगा। आयोग के हवाले से बताया है कि कमल नाथ के खिलाफ यह कार्रवाई उनके बार बार आचार संहिता के नियमों की अनदेखी के चलते की गई है। अब आगे कमल नाथ जिस प्रत्याशी के लिए प्रचार करेंगे उनकी यात्रा और ठहरने से लेकर तमाम खर्च उम्मीदवार के चुनावी खर्च में जुड़ेगा।
बता दें कि Election Commission ने मध्य प्रदेश में 28 सीटों पर हो रहे विधानसभा उपचुनाव को लेकर उम्मीदवारों के चुनावी खर्चों की एक सीमा तय की है। हाल ही में कमलनाथ ने BJP प्रत्याशी इमरती देवी पर अमर्यादित बयान दिया था। इसे लेकर BJP ने चुनाव आयोग में शिकायत की थी। वहीं महिला अयोग ने चुनाव आयोग से Kamal Nath पर उचित कार्रवाई करने की अपील की थी। आयोग ने इस मामले में Kamal Nath को नोटिस जारी कर 48 घंटे के भीतर जवाब मांगा था। बीते दिनों आयोग ने कहा था कि Kamal Nath ने BJP की महिला प्रत्याशी के खिलाफ अमर्यादित शब्द का इस्तेमाल कर आचार संहिता तोड़ी है।
निर्वाचन आयोग ने BJP नेता Kailash Vijayvargiya द्वारा की गई अभद्र टिप्पणी को भी आचार संहिता के प्रावधानों का उल्लंघन माना है। आयोग ने इसे लेकर विजयवर्गीय को सख्त चेतावनी दी है। आयोग ने शुक्रवार को कहा कि कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह और कमलनाथ के खिलाफ Kailash Vijayvargiya की अभद्र टिप्पणी आचार संहिता का उल्लंघन है। हम विजयवर्गीय को आचार संहिता की अवधि के दौरान सार्वजनिक तौर पर ऐसे शब्दों का इस्तेमाल नहीं करने की नसीहत देते हैं।
Election Commission को दिए गए जवाब में विजयवर्गीय ने कहा था कि नोटिस में जिन टिप्पणियों का जिक्र किया गया है उन्हें संदर्भ से बाहर समझा गया है। लेकिन आयोग इस सफाई से सहमत नहीं हुआ उसने ने अपने आदेश में कहा है कि हमने मामले पर अच्छी तरह विचार-विमर्श किया और हमारा मानना है कि Kailash Vijayvargiya ने राजनीतिक दलों एवं उम्मीदवारों के मार्गदर्शन संबंधी आदर्श आचार संहिता के पहले भाग के दूसरे पैराग्राफ का उल्लंघन किया है। आयोग ने साफ कहा है कि किसी भी नेता को आदर्श आचार संहिता लागू होने के दौरान सार्वजनिक तौर पर ऐसे शब्दों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।