जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) के देशद्रोह (sedition case) में बुधवार को दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट (Patiala House Court) में सुनवाई की गई. कोर्ट ने दिल्ली की केजरीवाल सरकार को एक और महीने का वक्त दिया और कहा कि केजरीवाल सरकार एक महीने में चार्जशीट पर कोई निर्णय ले लेकर अवगत कराए. इस मामले की अगली सुनवाई 25 अक्टूबर को होगी।
कन्हैया कुमार और बाकी के आरोपियों पर देशद्रोह का केस चलाने की मंजूरी दिल्ली सरकार दे रही है या नहीं, उसे 25 अक्टूबर तक कोर्ट को स्पष्ट रूप से बताना होगा. अदालत ने बुधवार के आदेश में कहा है कि अनुमति नहीं मिलने के कारण इस केस में बार-बार तारीख पड़ रही है, जिससे अदालत का बेशकीमती वक्त बर्बाद हो रहा है.
दिल्ली पुलिस ने सुनवाई के दौरान पटियाला हाउस कोर्ट को बताया कि केजरीवाल सरकार ने मामले के आरोपी कन्हैया कुमार और अन्य के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा चलाने की अभी तक अनुमति नहीं दी है. दिल्ली सरकार के गृह विभाग में अनुमति देने का यह मामला अभी तक अटका पड़ा है.
14 जनवरी को दिल्ली पुलिस ने दाखिल कर दी थी चार्जशीट
इसके बाद जज ने दिल्ली सरकार से पूछा कि इस पर निर्णय लेने में इतनी देरी क्यों हो रही है? देशद्रोह के इस मामले में दिल्ली पुलिस ने इसी साल 14 जनवरी को चार्जशीट दाखिल कर दी थी. इसमें कन्हैया कुमार समेत 10 लोगों को आरोपी बनाया गया है.
सरकार की अनुमति के बाद ही चार्जशीट पर संज्ञान लेता है कोर्ट
इन आरोपियों पर मुकदमा चलाने के लिए पुलिस को दिल्ली सरकार से अनुमति चाहिए. दिल्ली सरकार 14 जनवरी से 18 सितंबर तक यह तय नहीं कर पाई है कि कन्हैया कुमार और अन्य आरोपियों के खिलाफ देशद्रोह की धारा के तहत मुकदमा चलाने की अनुमति दी जाए या नहीं. नियम है कि सरकार के रुख के बाद ही अदालत चार्जशीट पर संज्ञान ले सकती है.