झारखंड के सबसे बड़े रिम्स अस्पताल में मरीजों की जान बचने के बजाय मरीजों के मौत के आंकड़े बढ़ते ही जा रहे हैं। रिम्स के ट्रॉमा सेंटर में महज 6 महीनों में करीब 272 मरीजो की भर्ती हुई जिसमें से लगभग 153 मरीजो को जान से हाथ धोना पड़ा। इन मरीजो में ज्यादातर ऐसे थे जिन्हें अस्पताल की ओर से बेहतर इलाज के लिए ट्रॉमा सेंटर में शिफ्ट कराया गया था। आपको बता दें रिस्म अस्पताल का ये दावा है कि यहां के ट्रॉमा सेंटर में झारखंड के किसी भी निजी अस्पतालों से बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराया जाता है।
आपको बता दें रिम्स में ट्रॉमा सेंटर की स्थापना बीते 14 जुलाई को दुर्घटना ग्रस्त गंभीर और आपातकालीन मरीजों को तुरंत इलाज मुहैया कराने के मकसद से की गई थी। लेकिन उद्घाटन के महज 6 महीने बाद ही यहां मरीजों के मौत के आंकड़े बढ़ते ही जा रहे हैं। सूत्रों की माने तो जुलाई से अब तक 153 मरीजों की मौत ट्रॉमा सेंटर में हो चुकी है। बीते साल जुलाई में कुल 18 मरीज भर्ती हुए थे जिसमें 5 की मौत हो गई थी। सबसे ज्यादा मौत दिसंबर में हुई थी। दिसंबर में लगभग 53 मरीज भर्ती हुए जिसमें से लगभग 45 मरीज की मौत हो गई थी, जबकि नवंबर में 48 में 27, अक्टूबर में 50 में 33, सितंबर में 57 में 23, अगस्त में 46 में 22 मरीज की मौत हो चुकी है।