झारखण्ड राज्य का इतिहास लगभग सौ साल पुराना है । भारतीय हॉकी के खिलाड़ी तथा ओलंपिक खेलों में भारतीय हॉकी टीम के कप्तान जय सिंह मुंडा ने वर्ष 1939 में बिहार राज्य के कुछ दक्षिणी जिलों को मिलाकर एक नया राज्य बनाने का विचार रखा था। हालांकी जय सिंह मुंडा का यह सपना 2 अक्तूबर 2000 को साकार हुआ जब संसद में झारखण्ड को अलग राज्य का दर्जा देने का बिल पास हुआ और फिर उसी साल 15 नवंबर को झारखण्ड भारत का 28वां राज्य बना।
देश का यह राज्य सबसे ज्यादा वनों से घिरा हुआ है इसलिए इसका नाम झारखण्ड रखा गया था । इसमें ‘झार’ जंगल को दर्शाता है तो ‘खंड’ टुकड़ा को दर्शाता है । झारखण्ड अपने नाम के अनुसार ही मूल रूप से एक वन क्षेक्ष है । इस राज्य में सबसे ज्यादा खनिज पाया जाता । 15 नवंबर 2019 को झारखण्ड 19वां स्थापना दिवस मना रहा है । 19 साल पहले अस्तित्व में आने से लेकर अब तक राज्य की स्थिति में काफी परिवर्तन हुआ है। राज्य की सरकारों ने जनता के हितों को ध्यान में रखते हुए कई अहम फैसले लिए।