शुभ घड़ी आई, जन्मे कृष्ण कन्हाई… मथुरा से द्वारका तक जन्माष्टमी का जश्न

Krishna Janmashtami 2024: देशभर में कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है. मथुरा-वृंदावन, द्वारकाधीश मंदिर, जगन्नाथ पुरी के साथ ही देश की राजधानी दिल्ली के मंदिर भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव को लेकर सजे हुए हैं. भक्तों का तांता लगा हुआ है. मंदिरों की अद्भुत सजावट मन मोह लेने वाली है

Krishna Janmashtami 2024: पूरे भारत में बड़े उत्साह के साथ जन्माष्टमी का पर्व मनाया जा रहा है. हर तरफ श्रद्धालु कान्हा की भक्ति में रंगे हैं. चारों ओर भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव की खुशी है. जन्माष्टमी के अवसर पर सभी मंदिर रंग-बिरंगी लाइट से जगमगा रहे हैं. हर कृष्ण मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ रही है. मंदिरों में कृष्ण लीला और भजन हो रहे हैं. रात 12 बजे भगवान कृष्ण के जन्म के साथ ही सभी मंदिरों में भगवान कृष्ण और लड्डू गोपाल की विशेष पूजा-अर्चना होगी.

लड्डू गोपाल को विशेष मिठाइयों और पकवानों का भोग लगाया जाएगा. लड्डू गोपाल के भोग के लिए इस खास दिन घरों में लोग तरह-तरह की मिठाइयां बनाते हैं. देश के कोने- कोने में मंदिर सजे हुए हैं. मंदिरों में झाकियां भी लगाई गई हैं. छोटे-छोटे बच्चे राधा-कृष्ण की वेशभूषा धारण किए हुए हैं. ज्यादातर मंदिरों में भजन-कीर्तन के प्रोग्राम हो रहे हैं. भक्तजन इन कार्यक्रमों का आनंद लेने के लिए बड़ी संख्या में मंदिरों में जमा हो गए हैं.

इन मंदिरों में जन्माष्टमी की विशेष धूम

यूं तो जन्माष्टमी का त्योहार पूरे देश में ही पूरे जोश और उत्साह के साथ मनाया जाता है, लेकिन मथुरा-वृंदावन, जगन्नाथ पुरी, द्वारकाधीश मंदिर और सभी इस्कॉन मंदिरों में जन्माष्टमी के पर्व का विशेष महत्व है. इस कारण यहां इस पर्व की विशेष धूम रहती है. इन स्थानों पर जन्माष्टमी के दौरान भव्य सजावट, भक्तिमय संगीत और विशेष आरतियां की जाती हैं. भक्तजन दूर-दूर से इन मंदिरों में आकर भगवान श्रीकृष्ण के दर्शन करते हैं और उनके जन्म का पर्व मनाते हैं. इन मंदिरों में जन्माष्टमी के दौरान आयोजित होने वाले उत्सवों में हजारों की संख्या में लोग शामिल होते हैं.

मथुरा श्रीकृष्ण की जन्मभूमि

मथुरा में जन्माष्टमी का मुख्य आकर्षण केंद्र श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर है. यहां भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव की भव्य तैयारियां की गई हैं. भगवान कृष्ण की मूर्ति को रत्नजड़ित आभूषण, पीले वस्त्र और मुकुट पहनाया गया है.

बांके बिहारी मंदिर वृंदावन

वृंदावन में बांके बिहारी मंदिर में जन्माष्टमी का पर्व बहुत ही धूमधाम से मनाया जा रहा है. मंदिर में भगवान बांके बिहारी को कई तरह के आभूषण पहनाए गए हैं. मंदिर में भक्त भजन-कीर्तन और अन्य धार्मिक कार्यक्रम कर रहे हैं.

इस्कॉन मंदिर

इस्कॉन मंदिरों में जन्माष्टमी का पर्व बहुत ही धूमधाम से मनाया जा रहा है. अन्य मंदिरों की तरह इस्कॉन मंदिरों में भी कीर्तन और संगीत का आयोजन हो रहा है. भक्त भगवान श्रीकृष्ण के नाम का जाप कर रहे हैं.

द्वारकाधीश मंदिर

द्वारकाधीश मंदिर में भी कृष्ण जन्माष्टमी की धूम है. द्वारका को भगवान श्रीकृष्ण की नगरी माना जाता है. इसलिए यहां जन्माष्टमी का पर्व विशेष महत्व रखता है. भगवान द्वारकाधीश को मन मोह लेने वाले आभूषण और वस्त्र पहनाए गए हैं. गुजरात के श्री द्वारकाधीश मंदिर में जन्माष्टमी पर मंदिर में विशेष पूजा अर्चना हो रही है.

जगन्नाथ पुरी

ओडिशा के जगन्नाथ मंदिर में जन्माष्टमी का पर्व बहुत ही धूमधाम से मनाया जा रहा है. भगवान कृष्ण के जन्म की मध्यरात्रि को विशेष पूजा-अर्चना की जाती है. जगन्नाथ मंदिर में भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा की मूर्तियों को विशेष रूप से सजाया गया है. मंदिर में विशेष रूप से तैयार किया गया भोग भगवान को अर्पित किया जाता है और फिर भक्तों में वितरित किया जाता है.

पूजा का शुभ मुहूर्त

पंचांग के अनुसार, जन्माष्टमी की पूजा का शुभ मुहूर्त आज रात 12 बजे से लेकर रात के 12 बजकर 44 मिनट तक है. वहीं जन्माष्टमी व्रत का पारण 27 अगस्त की सुबह 11 बजे होगा.

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