CM GEHLOT OSD RESIGNED

पंजाब के बाद अब राजस्थान कांग्रेस में हलचल, CM अशोक गहलोत के OSD लोकेश शर्मा ने दिया इस्तीफा

CM अमरिंदर सिंह (Amarinder Singh ) के इस्तीफे को लेकर चले घटनाक्रम के बीच राजस्थान के CM अशोक गहलोत (Ashok Gehlot,) के ओएसडी लोकेश शर्मा (Lokesh Sharma) की ओर किये गये ट्वीट पर प्रदेश कांग्रेस की राजनीति गरमा गई. इस ट्वीट को पार्टी हाईकमान पर तंज कसने वाला माना गया. गहलोत के OSD के इस ट्वीट के सोशल मीडिया में आरोपों से घिरने और सुर्खियों में आने के बाद शनिवार देर रात लोकेश शर्मा ने अपना इस्तीफा दे दिया है. सीएम अशोक गहलोत को भेजे गये इस्तीफे में लोकेश शर्मा ने लिखा है इस पर फैसला आपको करना है. शर्मा का ट्वीट और उनका इस्तीफा राजस्थान में जबर्दस्त चर्चा का विषय बना हुआ है.

दरअसल लोकेश शर्मा ने शनिवार को बिना नाम लिए तंज कसने वाला एक ट्वीट किया था. दोपहर में 1.42 मिनट पर किये ट्वीट में लोकेश शर्मा ने लिखा कि ”मजबूत को मजबूर, मामूली को मगरूर किया जाए…। बाड़ ही खेत को खाए, उस फसल को कौन बचाए !! इस ट्वीट पर लोगों ने सोशल मिडिया पर जमकर लोकेश शर्मा पर निशाना साधा. माना गया कि पंजाब के मामले में ये पार्टी हाईकमान के फैसले की आलोचना है. इसमें इशारों ही इशारों में अमरिंदर को मजबूत बताया गया है. ऐसे में इसे गहलोत की भावना के रूप में भी जोड़ा जा रहा है. माना जा रहा है कि खुद गहलोत ने ही लोकेश शर्मा का इस्तीफा लिया है. लोकेश शर्मा गहलोत के ओएसडी के रूप में मिडिया का काम देखते हैं.

उसके बाद देर रात ओएसडी लोकेश शर्मा ने CM अशोक गहलोत को अपने ट्वीट के संदर्भ में सफाई देते हुये पत्र लिखा. शर्मा ने लिखा कि आदरणीय मुख्यमंत्री जी, आज दिन में मेरे द्वारा किये गए ट्वीट को राजनैतिक रंग देते हुए, गलत अर्थ निकालकर पंजाब के घटनाक्रम से जोड़ा जा रहा है. श्रीमान से निवेदन है कि वर्ष 2010 से मैं ट्विटर पर सक्रिय हूं और मैंने आज तक पार्टी लाइन से अलग कांग्रेस के किसी भी छोटे से लेकर बड़े नेता के संबंध में और प्रदेश की कांग्रेस सरकार को लेकर कभी कोई ऐसे शब्द नहीं लिखे हैं जिन्हें गलत कहा जा सके.

आपके द्वारा ओएसडी की जिम्मेदारी देने के बाद से मेरी सीमाओं और मर्यादाओं का ध्यान रखते हुए कभी कोई राजनैतिक द्वीट नहीं किया. मैंने हमेशा राज्य सरकार और मुख्यमंत्री की बात, सरकार के फैसले, जनकल्याणकारी योजनाओं और सरकार की सकारात्मक मंशा को ही आगे बढ़ाने का प्रयास किया या सरकार के कार्यकलाप और सरकार की एवं मुख्यमंत्री की छवि को धूमिल करने वाले लोगों को तथ्यों के साथ जवाब देकर उनके द्वारा फैलाए जाने वाले भ्रामक प्रचार को रोकने का प्रयास किया.

मैं लगभग रोजाना ही द्वीट करता रहता हूं. श्रीमान मेरे आज के द्वीट से किसी भी रूप में पार्टी, सरकार और आलाकमान की भावनाओं को ठेस पहुंची हो तो मैं करबद्ध रूप से क्षमा चाहता हूं. मेरी मंशा, मेरे शब्द और मेरी भावना किसी को भी किसी भी रूप में ठेस पहुंचाने वाली नहीं थी और न कभी होगी. माननीय फिर भी अगर आपको लगता है मेरे द्वारा जान-बूझकर कोई गलती की गयी है तो मैं आपके विशेषाधिकारी पद से इस्तीफा भेज रहा हूं, निर्णय आपको करना है.

Leave a Comment

Your email address will not be published.

बिहार के इन 2 हजार लोगों का धर्म क्या है? विश्व का सबसे अमीर क्रिकेट बोर्ड कौन सा है? दंतेवाड़ा एक बार फिर नक्सली हमले से दहल उठा SATISH KAUSHIK PASSES AWAY: हंसाते हंसाते रुला गए सतीश, हृदयगति रुकने से हुआ निधन India beat new Zealand 3-0. भारत ने किया कीवियों का सूपड़ा साफ, बने नम्बर 1