International Yoga Day 2023

International Yoga Day 2023: जानें योग दिवस का इतिहास और महत्व

पंचांग के अनुसार 21 जून को उत्तरी गोलार्द्ध का सबसे लंबा दिन होता है, जिसे ग्रीष्म संक्रांति कहते हैं. ग्रीष्म संक्रांति के बाद सूर्य दक्षिणायन होता है. दक्षिणायन होने पर सूर्य का तेज कम हो जाता है, जिससे वातावरण अशुद्ध हो जाता है, कीटाणु उत्पन्न होने लगते हैं, रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है. ऐसे में अध्यात्मिक सिद्धियों को प्राप्त करने और तन-मन को स्वस्थ रखने के लिए हर साल 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाते हैं.

कौन से भगवान ने की थी सबसे पहले योग की शुरुआत ?

योग विद्या में शिव को ‘आदि योगी’ माना जाता है यानी भगवान शिव योग के जनक थे. वेदों के अनुसार योग जीवात्मा और परमात्मा का मिलन है. योग अहंकार का विनाश करता है. जिस पल चित की वृत्तियां समाप्त हो जाएं, तब योग का एक कण प्रारंभ होता है.

अंतरराष्ट्रीय योग दिवा का इतिहास

पूरे विश्व में योग दिवस (Yoga Day) की शुरुआत 2015 में हुई थी. संक्रमण से लड़ने के लिए रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के उद्देश्य से योग दिवस हर साल मनाया जाता है. हर साल योग दिवस (Yoga Day) आयोजन के लिए एक थीम रखी जाती है. इस अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस (Yoga Day) 2023 की थीम है ‘मानवता’. दुनिया के लोगों को योग के जरिए कई भौतिक और आध्यात्मिक लाभों के बारे में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से योग दिवस मनाया जाता है.

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