चुनाव बाद भी बीजेपी- आजसू गठबंधन के रास्ते बंद

बीजेपी ने अपना प्लान सी ओपेन कर दिया है। पार्टी सूत्रों के अनुसार अब चुनाव के बाद भी आजसू के साथ कोई गठबंधन नहीं होगा। इसको लेकर पार्टी के आला नेता तय कर चुके हैं कि सरकार बने या न बने अब आजसू के साथ चुनाव पूर्व व चुनाव के बाद कोई गठबंधन नहीं होगा। आजसू ने अपने उम्मीदवार घोषित कर बीजेपी को पशोपेश में डाल दिया।

आजसू ने उन चार विधानसभा सीटों पर अपने उम्मीदवारों को उतारा है। जहां बीजेपी के उम्मीदवार हैं। खासकर चक्रधरपुर से बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुआ के खिलाफ आजसू ने रामलाल मुंडा के उतार कर अपने रूख साफ कर दिया है। इसी तरह सिमरिया, सिंदरी और मांडू में भी आजसू ने अपना उम्मीदवार खड़ा किया है।

बीजेपी का एक बड़ा खेमा आजसू से नराज

बीजेपी का एक बड़ा खेमा पहले से ही आजसू ने नराज चल रहा था। इस खेमे का मानना है कि बीजेपी ने लोकसभा चुनाव में अपनी सीटिंग सीट गिरिडीह आजसू को देकर बड़ी भूल की थी। लोकसभा चुनाव के दौरान आजसू ने यह भी घोषणा की थी कि विधानसभा चुनाव की परिस्थिती को देखकर ही फैसला लिया जाएगा। आजसू के आला नेताओं ने कई बार 81 सीटों पर लड़ने की खुले मंच से घोषणा की थी। लेकिन बीजेपी ने उस वक्त इसे नजरअंदाज कर दिया था। बीजेपी के बड़े खेमे का मानना है कि यह बीजेपी की बड़ी भूल थी।

गिरिडीह सीट जीतने के बाद आजसू की बढ़ी डिमांड

गिरिडीह सीट जीतने के बाद आजसू की डिमांड बढ़ गई। हालांकि बीजेपी का बड़ा खेमा कभी भी आजसू के साथ गठबंधन के पक्ष में नहीं रहा। बीजेपी 10 से 11 सीट देने को तैयार थी। लेकिन आजसू की डिमांड देगुनी सीट की थी। इसके बाद बीजेपी ने भी महाराष्ट्र की घटना से सबक लेते हुए गठबंधन को नजर अंदाज कर दिया और अकेले ही मिशन 65 प्लस पाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। हालांकि अब तक बीजेपी और आजसू की ओर से गठबंधन पर किसी तरह का अधिकारिक बयान नहीं आया है।

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