अमेरिकी सैनिकों ने मार गिराया ISIS सरगना, महीनों से चल रही थी इसकी तैयारी, पढ़ें पूरा किस्सा

अमेरिका ने कुख्यात आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (IS) के एक और सरगना अबू-इब्राहिम अल-काशमी अल-कुरैशी को रातों-रात माार गिराया. सीरिया (Syria) की तुर्की (Turkey) से लगी सीमा के पास एक कस्बे में तीन मंजिला रिहायशी इमारत की ऊपरी मंजिल पर कुरैशी रहता था. खबरों की मानें तो अमेरिकी सैनिकों (US Soldiers) ने पहले उसे जिंदा पकड़ने की तैयारी की थी. इसकी मुकम्मल रिहर्सल भी की गई. लेकिन अंतिम मौके पर चारों तरफ से घिर जाने के बाद जब कुरैशी ने बच निकलने कोई रास्ता नहीं पाया तो खुद को बम से उड़ा लिया. ठीक वैसे ही जिस तरह आईएस के पूर्व सरगना अबू-बकर अल-बगदादी ने अपनी जीवनलीला खत्म की थी.

इस अभियान के दौरान अबू-इब्राहिम अल-काशमी अल-कुरैशी के साथ कितने लोग मारे गए, अभी पक्का नहीं है. अभियान की कमान संभाल रहे अमेरिकी जनरल फ्रैंक मैकेंजी के मुताबिक, ‘विस्फोट उम्मीद से ज्यादा तेज था. इसमें तीसरी मंजिल पर मौजूद सभी लोग मारे गए. कुछ लोग तो इमारत से बाहर फिक गए. मारे गए लोगों में कुरैशी, उसकी पत्नी और दो बच्चे भी हैं.’ अमेरिकी सेना (US Army) के एक अन्य अधिकारी के अनुसार, कुरैशी के साथ उसकी दो बीवियां और एक बच्चा था. वहीं, अमेरिकी रक्षा मुख्यालय ‘पेंटागन’ (Pentagon) का कहना है कि कुरैशी के साथ आईएस के कम से कम दो सशस्त्र लड़ाके भी मारे गए हैं. वहीं, घटना के बाद मौके पर पहुंचे सीरियाई बचाव दल की मानें तो करीब 13 लोगों की मौत हुई है. इनमें अधिकांश महिलाएं, बच्चे हैं.

अमेरिकी मीडिया (US Media) के मुताबिक, इस अभियान के दौरान सैन्य कार्रवाई को राष्ट्रपति जो बाइडेन (US President Joe Biden) अपने दफ्तर में बैठकर सीधे देख रहे थे. उन्होंने अभियान में शामिल सैन्य दल को स्पष्ट निर्देश दिया था कि कुरैशी के खिलाफ कार्रवाई में कोई आम नागरिक नहीं मरना चाहिए. अफगानिस्तान (Afghanistan) में बीते साल आतंकियों के खिलाफ एक अमेरिकी ड्रोन हमले (Drone Attack) के दौरान गलती से आम नागरिक मारे गए थे. इससे अमेरिका की दुनिया में काफी किरकिरी हुई थी. इसलिए राष्ट्रपति बाइडेन ज्यादा सचेत थे.

इसीलिए कुरैशी के ठिकाने पर जब हेलीकॉप्टरों से अमेरिकी जवान (US Soldiers) पहुंचे तो उन्होंने पहले पूरी इमारत को चारों तरफ से घेर लिया. फिर यह लाउडस्पीकरों उद्घोषणा की कि इमारत में जो भी आम नागरिक हैं, वे बाहर जाएं. अमेरिकी सैनिक उन्हें सुरक्षा देंगे. अगर वे बाहर नहीं निकले, तो मारे जाएंगे. इससे पहली, दूसरी मंजिल पर रह रहे करीब 10 लोग बाहर निकल भी आए. हालांकि, तभी कुरैशी, उसके सहयोगियों और बीवी, बच्चों ने भी, गोलीबारी शुरू कर दी. और फिर जब देखा कि उनके बच निकलने की संभावना बिल्कुल नहीं बची है, तो विस्फोट कर दिया.

करीब 2 महीने पहले शुरू हुई थी तैयारी

सीरिया के अतमेह (Atmeh, Syria) कस्बे में छिपे कुरैशी को पकड़ने या मारने की तैयारी अमेरिका ने दिसंबर के पहले हफ्ते में ही शुरू कर दी थी. अमेरिकी राष्ट्रपति कार्यालय ‘व्हाइट हाउस’ (US President Office White House) के एक अधिकारी के मुताबिक, ‘पहले कुरैशी के बारे में पुख्ता खुफिया जानकारियां जुटाई गईं. इसके बाद जब यह पुख्ता हो गया कि वह अतमेह में है और सीमाई इलाके की तीन मंजिला इमारत में रह रहा है, तो आगे की कार्रवाई की योजना बनाई गई. राष्ट्रपति जो बाइडेन (President Joe Biden) ने इस बाबत 20 दिसंबर को बैठक ली थी. इसमें अभियान के सभी पहलुओं का बारीकी से परीक्षण किया था. हालांकि उन्होंने इस अभियान के लिए हरी झंडी अभी 1 फरवरी को दी थी, जब वे पूरी तरह आश्वस्त हो गए.’

पेंटागन (Pentagon) के एक अधिकारी बताते हैं, ‘यह अभियान थोड़ जटिल था. क्योंकि एक तो जिस इमारत में कुरैशी रह रहा था, उसमें आम महिलाएं और बच्चे भी थे. उन्हें बचाते हुए कुरैशी को पकड़ना बड़ी चुनौती था. दूसरी बात- कुरैशी घर के बाहर किसी के संपर्क में भी नहीं था. वह अपने संगठन में हर तरह के संदेशों के आदान-प्रदान के लिए सिर्फ अपने विश्वस्त कुरियरवालों पर ही भरोसा करता था. इसीलिए हमने हरसंभव एहतियात बरती.’

आखिरी वक्त पर हेलिकॉप्टर भी गच्चा दे गया, नष्ट करना पड़ा

अमेरिकी अधिकारी बताते हैं, ‘राष्ट्रपति जो बाइडेन (President Joe Biden) इस अभियान को सीधे देखने के लिए शाम करीब 5 बजे आए. उनसे पहले उपराष्ट्रपति कमला हैरिस (Vice President Kamala Harris) सिचुएशन रूम में मौजूद थीं. इस अभियान के दौरान अमेरिकी सैनिकों का एक हेलिकॉप्टर तकनीकी दिक्कत का शिकार हो गया. वह वापस उड़ान नहीं भर पा रहा था. तब राष्ट्रपति बाइडेन के चेहरे पर चिंता की लकीरें साफ दिख रही थीं. वे कह रहे थे- अमेरिकी सैनिकों भगवान रक्षा करें. आखिरकार, अमेरिकी सैनिकों ने उस हेलिकॉप्टर को वहीं नष्ट कर दिया और वापस चले गए. इसके बाद राष्ट्रपति ने राहत की सांस ली.’ अधिकारियों के मुताबिक राष्ट्रपति बाइडेन (President Biden) के लिए यह अभियान भी उसी तरह का अनुभव था, जैसा 2015 में ओसामा बिन लादेन (Osama Bin Laden) को मारने के लिए चलाया गया था. तब ऐसे ही सिचुएशन रूम में बाइडेन बतौर उपराष्ट्रपति बैठे थे. तत्कालीन राष्ट्रपति बराक ओबामा (Barack Obama) के साथ.

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