निर्भया के दोषियों को पहले 22 जनवरी को सुबह 7 बजे फांसी दी जानी थी। अब उन्हें एक फरवरी को सुबह छह बजे फांसी पर लटकाया जाएगा। वहीं उच्चतम न्यायालय की वरिष्ठ वकील इंदिरा जयसिंह ने निर्भया की मां से अपनी बेटी के दरिंदों को माफ करने का अनुरोध किया है।
निर्भया की मां आशा देवी ने शुक्रवार को दिल्ली की एक अदालत द्वारा आरोपियों की फांसी की तारीख टालने पर जब अपनी निराशा व्यक्त की तो उसके कुछ देर बाद ही जयसिंह ने ट्विटर पर उनसे आरोपियों को माफ करने का अनुरोध किया।
जयसिंह ने ट्वीट कर कहा, मैं आशा देवी के दर्द से पूरी तरह से वाकिफ हूं। मैं उनसे अनुरोध करती हूं कि वह सोनिया गांधी के उदाहरण का अनुसरण करें जिन्होंने नलिनी को माफ कर दिया और कहा कि वह उसके लिए मौत की सजा नहीं चाहती हैं। हम आपके साथ हैं लेकिन मौत की सजा के खिलाफ हैं।
‘इंदिरा जयसिंह के अनुरोध पर आशा देवी ने कहा, ‘इंदिरा जयसिंह मुझे इस तरह का सुझाव देने वाली होती कौन हैं? पूरा देश आरोपियों के लिए फांसी चाहता है। उनके जैसे लोगों के कारण दुष्कर्म पीड़िताओं को न्याय नहीं मिल पाता है।’
उन्होंने कहा कि अब मैं जरूर कहना चाहूंगी कि जब 2012 में घटना हुई तब इन्हीं लोगों ने हाथ में तिरंगा लिया और काली पट्टी बांधी, खूब रैलियां कीं, खूब नारे लगाए। लेकिन आज यही लोग उस बच्ची की मौत के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। कोई कह रहा आप ने रोक दिया, कोई कह रहा है मुझे पुलिस दे दीजिए दो दिन में रोक के दिखाऊंगा। आशा देवी का कहना है कि जब तक उन्हें लटकाया नहीं जाता मुझे संतुष्टि नहीं मिलेगी।
निर्भया के दरिंदों के लिए अदालत ने नया डेथ वारंट जारी किया है। अब उन्हें एक फरवरी को फांसी पर लटकाया जाएगा। दरिंदों ने चलती बस में 16 दिसंबर, 2012 की रात को 23 साल की मेडिकल छात्रा के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया था।