एक तरफ देश जहां कोरोना महामारी से जूझ रहा है वहीं दूसरी ओर भारत चीन सीमा पर तनाव कम नहींं हो रहा। बीते दिनों हुई सैनिकों के बीच गलवान घाटी में हुई झड़प के बाद से ही लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर तनाव कम करने को लेकर दोनो देशों की सेनाओं के बीच लगातार बैठकों का दौर जारी है। जहां बीते सोमवार की सुबह चीनी सेना के आग्रह पर बैठक बुलाई गई थी जो करीब 11 घंटे चली। वहीं कयास लगाए जा रहे हैं कि आज एक बार फिर से भारत और चीन के बीच कोर कमांडर स्तर की बैठक हो सकती है। बता दें सोमवार को हुई बैठक चीन की तरफ मोल्डो इलाके में हुई थी। दोनों देशों के सैन्य कमांडरों के बीच बातचीत के दौरान भारत ने चीन से एलएसी से सैनिकों की वापसी के लिए समय सीमा मांगी। इसके अलावा फिंगर 4 सहित 2 मई से पहले की स्थिति और तैनाती को बनाए रखने के लिए कहा है।
आपको बता दें बीते सोमवार को सुबह 11 बजे से शुरू हुई बैठक करीब 11 घंटे चली। बैठक में भारत की तरफ से लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह ने बैठक का नेतृत्व किया, तो चीन की तरफ से मेजर जनरल लियु लिन बैठक में शामिल हुए। गलवान घाटी में खूनी झड़प के बाद दोनों देशों के सैन्य अधिकारियों के बीच ये बड़ी बातचीत हुई। इसका मकसद एलएसी पर पहले वाली स्थिति को बनाए रखना है। इसके साथ ही गलवान जैसी घटना भविष्य में न हो, इसके लिए भी दोनों देशों के सैन्य अधिकारियों की ओर से बातचीत की जाएगी। बीते 6 जून के एग्रीमेंट पर भी बात होगी, जिसमें तय हुआ था कि चीन अपनी सेना को एलएसी से पीछे ले जाएगी। लद्दाख सीमा पर 4 मई के बाद के मिलिट्री पोजिशन से चीनी सेना को हटने के लिए कहा गया है. हालांकि, अभी चीन की ओर से पीछे हटने पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।