दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र और नागरिकता संशोध बिल का विरोध करने वाले शरजील इमाम की मुश्किलें और बढ़ गई है। बता दें दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने 90 दिनों की निर्धारित वैधानिक अवधि के दौरान जांच नहीं पूरी होने पर शरजील इमाम की जमानत याचिका को खारिज कर दिया है। आपको बता दें न्यायाधीश धर्मेंद्र कुमार राणा ने जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा कि जांच अवधि बढ़ाए जाने का आदेश गलत नहीं था क्योंकि यह जांच अवधि खत्म होने से पहले जारी किया गया था। इस मामले पर शरजील ने तय समय में जांच पूरी न होने का हवाला देते हुए जमानत मांगी थी। अदालत ने उसके खिलाफ चल रही जांच अवधि को 25 अप्रैल को 90 दिनों के लिए बढ़ा दिया था। इस जांच अवधि को आगे बढ़ाए जाने पर शरजील ने अदालत ने चुनौती देते हुए जमानत मांगी थी। शरजील इमाम पर गैर कानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (UAPA) के तहत मामला दर्ज है।
वहीं अपने आवेदन में जेएनयू हिंसा में लिप्त आरोपी शरजील इमाम ने ये दलील दी है कि निचली अदालत ने 25 अप्रैल को इस मामले की जांच की अवधि और 90 दिनों के लिए बढ़ा दिया था, जो की कानून सम्मत नहीं है।
बता दें दिल्ली पुलिस ने शरजील को 28 जनवरी को बिहार से गिरफ्तार किया था। उस पर बीते साल दिसंबर में संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन से जुड़े कई मामले दर्ज हैं। दिल्ली पुलिस ने कुछ दिन पहले उस पर अवैध गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) लगाया था। अदालत ने यूएपीए के तहत ही जांच अवधि बढ़ाई थी। वह फिलहाल असम की जेल में है क्योंकि उसके खिलाफ वहां भी मुकदमा दर्ज किया गया था।