देश में कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए देशभर में लॉकडाउन को 3 मई तक के लिए आगे बढ़ा दिया है। इस लॉकडाउन की वजह से देश की आार्थिक स्थिती का लचर होना भी तय है। आम आदमी को भी काम-काज पूरी तरह से ठप्प होने की वजह से आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में स्कूलों में फीस में वृद्धि और तीन महीने के फीस एक साथ देने की मांग पर अभिभावकों ने चिंता व्यक्त की थी। जिस पर बीते शुक्रवार को केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने लॉकडाउन के दौरान सालाना स्कूल फीस वृद्धि और तीन महीने की फीस एक साथ लेने के निर्णय विचार करने की बात कही है।
आपको बता दें इस मामले पर केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि, ‘‘ इस वैश्विक आपदा के समय मेरा सभी स्कूलों से निवेदन है कि सालाना स्कूल फीस वृद्धि और तीन महीने की फीस एक साथ नहीं लेने पर सहानुभूति पूर्वक विचार करें।’’ सोशल मीडिया के जरिए मानव संसाधन विकास मंत्री ने कहा कि देश भर से कई अभिभावकों द्वारा उनके संज्ञान में यह बात लाई गई है कि इस संकट के समय में भी कई स्कूल अपनी सालाना फीस में वृद्धि और तीन महीने की वर्तमान फीस एक साथ ले रहें हैं। इस बाबत उन्होंने कहा कि उन्होंने सभी राज्यों के शिक्षा विभागों का इस विषय की ओर ध्यान आकर्षित कराया गया है, और उन्हें उम्मीद है कि वो संतोषजनक तरीके से अभिभावकों और स्कूलों के हितों के संरक्षण की दिशा में बेहतर सामंजस्य स्थापित करेंगे।
इसके साथ ही रमेश पोखरियाल ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस महामारी के समय मानवीय मूल्यों को प्राथमिकता देने का आग्रह किया है। ऐसे में सभी स्कूल अपने शिक्षकों और पूरे स्टाफ के साथ साथ अभिभावको के हितों का पूरा ध्यान रखेंगे।
आपको बता दें इससे पहले दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बीते शुक्रवार को कहा कि किसी भी निजी स्कूल को कोरोना वायरस के चलते लॉकडाउन के दौरान शुल्क बढ़ाने की अनुमति नहीं है और स्कूल खुलने तक सिर्फ ट्यूशन फीस ही ली जाए।