पाक ने भारत की डाक मेल सेवा पर लगाई रोक, भारत ने बताया दुर्भाग्यपूर्ण कदम

भारत के विभाजन के बाद तीन युद्ध, पाकिस्‍तान के साथ लगातार बने हुए तनाव और मध्य पूर्व से जुड़े सर्किट मार्ग के बावजूद दोनों देशों के बीच डाक सेवा कभी बंद नहीं की गई, लेकिन जम्‍मू-कश्‍मीर से अनुच्‍छेद 370 को हटाये जाने के बाद पाकिस्तान ने दोनों देशों के बीच डाक मेल सेवा को रोक दिया है। भारत ने पाक के इस कदम को दुर्भाग्‍यपूर्ण बताया है।

डेढ़ महीने से ज्यादा समय हो गया है, जब पाकिस्तान ने पिछले 27 अगस्त को भारतीय डाक अधिकारियों से अपने देश के लिए डाक मेल की एक खेप को स्वीकार किया था, उसके बाद से यह सेवा बंद है। डाक सेवाओं के निदेशक (मेल एंड बिजनेस डेवलपमेंट) आरवी चौधरी ने कहा कि यह एकतरफा फैसला उनकी तरफ से था। इस तरह का फैसला पहली बार किया गया है। हमें यकीन नहीं है कि आदेश कब उठाया जाएगा। अंतरराष्ट्रीय खेपों से निपटने के लिए देश भर के 28 विदेशी डाकघरों (एफपीओ) में से केवल दिल्ली और मुंबई एफपीओ को ही पाकिस्तान को डाक मेल भेजने और आने वाले के लिए नामित किया गया है।

दिल्‍ली और मुंबई में हैं विदेशी डाकघरों की नोडल एजेंसी 

सेंट्रल दिल्ली के कोटला मार्ग पर एफपीओ को जम्मू-कश्मीर के अलावा छह राज्यों राजस्थान, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब और हिमाचल प्रदेश से आने वाली खेप के लिए नोडल एजेंसी बनाया गया है , जबकि मुंबई में एफपीओ को बाकी देश के लिए नोडल एजेंसी बनाया गया है। दिल्ली एफपीओ के अधीक्षक सतीश कुमार ने कहा कि पाकिस्तान के अधिकांश डाक इस कार्यालय द्वारा भेजे जाते हैं और उनमें से अधिकांश पंजाब और जम्मू और कश्मीर से होते हैं। यह ज्यादातर अकादमिक और साहित्यिक सामग्री होती है। कुमार ने कहा कि उनके पास वर्ष भर की पाकिस्‍तान जाने वाली और आने वाली डाक मेल का डिटेल नहीं है।

सरकार ने पाकिस्‍तान के कदम की निंदा की 

केंद्रीय संचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने सोमवार को पाकिस्‍तान पर प्रहार करते हुए कहा कि एकतरफा और बिना पूर्व सूचना के भारत को पत्र और मेल भेजने पर रोक लगा दी। उन्‍होंने कहा कि हर देश विश्व डाक संघ के तहत काम करता है, लेकिन पाकिस्तान तो पाकिस्तान है। पाकिस्तान ने पिछले दो महीनों से भारत आने और जाने वाली डाक सेवाओं को बंद कर दिया है। पाकिस्‍तान ने भारतीय पत्रों को बिना किसी पूर्व सूचना या नोटिस को बंद कर दिया गया। प्रसाद स्‍टार्टअप के एक कार्यक्रम में यह बात कही। उन्‍होंने कहा कि यह सीधे-सीधे विश्‍व डाक संघ के मानदंडों का उल्लंघन है, इसलिए हमारे डाक विभाग ने कार्रवाई के बारे में सोचा है। 

 

 

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