पूर्वी लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर 6 महीने से अधिक समय तक भारत-चीन के बीच तनातनी के बाद आखिरकार दोनों देशों के बीच बात बनती दिख रही है। बताया जा रहा है कि चुशूल में 6 नवंबर को कॉर्प्स कमांडर स्तर की आठवें दौर की बातचीत में दोनों देश तनाव खत्म करने का रास्ता तलाशने में कामयाब रहे हैं। एशिया के 2 शक्तिशाली देश पिछले कई महीनों से युद्ध के मुहाने पर खड़े हैं। जून में दोनों सेनाओं के बीच हिंसक झड़प हो चुकी है।
रक्षा सूत्रों ने बताया, ”अगले कुछ दिनों में दोनों पक्ष तनाव वाले कुछ इलाकों से हट सकते हैं, और चरणबद्ध तरीके से ऐसा करने के लिए तौर-तरीकों को अंतिम रूप दिया जा रहा है।” उन्होंने आगे कहा, ”हालांकि, भारतीय पक्ष इस मामले में सावधानी पूर्वक आगे बढ़ रहा है, क्योंकि भारत चाहता है कि चर्चाओं और समझौतों को जमीन पर लागू किया जाए।”
जून में भी दोनों पक्षों ने पीछे हटने पर सहमित बनाई थी, लेकिन इसी दौरान गलवान घाटी में हिंसक झड़प हुई थी। झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे। चीन के भी कई सैनिक मारे गए थे। हालांकि, चीन ने अभी तक यह स्वीकार नहीं किया है कि उसके कितने सैनिक मारे गए।
सूत्रों के मुताबिक, दोनों पक्षों में जो चर्चा हुई है उसमें टैंकों और बख्तरबंद वाहनों को मौजूदा पोजिशन से पीछे हटाना शामिल है। इस मामले में अगले कुछ दिनों में कुछ प्रगति हो सकती है। उन्होंने कहा, ”8वें दौर की बातचीत के बाद दोनों पक्षों को मौजूदा प्रस्तावों पर अमल से पहले कुछ और चर्चा करने की आवश्यकता है।” आज ही भारत और चीन ने कॉर्प्स कमांडर स्तर बातचीत पर संयुक्त बयान जारी किया है।
भारतीय सेना ने रविवार को कहा कि चीनी सेना के साथ लद्दाख में गतिरोध को लेकर हुई आठवें दौर की सैन्य वार्ता रचनात्मक रही और इस दौरान गहराई से और स्पष्ट बातचीत हुई। भारत और चीन की सेनाओं ने एक संयुक्त बयान में कहा कि वार्ता के दौरान दोनों देशों के नेताओं के बीच बनी महत्वपूर्ण सहमति को गंभीरता से लागू करने और यह सुनिश्चित करने पर रजामंदी हुई कि सीमा पर तैनात बल संयम बरतें और गलतफहमी से बचें।