तवांग भिड़ंत: राजनाथ ने बताया चीन का सच, अलर्ट पर एयरफोर्स

भारत-चीनी सैनिकों के बीच झड़प की खबर सामने आने के बाद एक-एक कर कई खुलासे हो रहे हैं. दावा किया जा रहा है कि भारतीय सेना को पहले से ही ऐसी किसी घटना का अंदेशा था.

अरुणाचल प्रदेश के तवांग में भारत-चीन सैनिकों के बीच 9 दिसंबर को झड़प हुई जिसमें दोनों ओर से कई जवान घायल हो गए. ये झड़प उस समय हुई जब चीनी सैनिक पेट्रोलिंग के दौरान एलएसी पर घुसपैठ की कोशिश कर रहे थे. हालांति भारतीय सैनिकों ने चीनी सैनिकों को मुंहतोड़ जवाब देते हुए उनकी इस कोशिश को नाकाम कर दिया.

बताया जा रहा है कि चीनी सैनिक पूरी तैयारी के साथ आए थे. इधर भारतीय सैनिक भी ऐसी किसी भी घटना से निपटने के लिए पहले से ही पूरी तरीके से तैयार थे. इस बीच भारत-चीनी सैनिकों के बीच झड़प की खबर सामने आने के बाद एक-एक कर कई खुलासे हो रहे हैं. दावा किया जा रहा है कि भारतीय सेना को पहले से ही ऐसी किसी घटना का अंदेशा था. वहीं इस मामले मंगलवार को कई बड़े नेताओं की प्रतिक्रिया सामने आई. एयरफोर्स की तरफ से भी इलाके में निगरानी बढ़ा दी गई है. पढ़िए इससे जुड़े 10 बड़े अपडेट

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को कहा कि जब तक देश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा की सरकार है तब तक कोई एक इंच भी जमीन पर कब्जा नहीं कर सकता. उन्होंने कहा कि 13 अक्टूबर 2009 को तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अरूणाचल यात्रा पर चीन ने आपत्ति जताई थी. शाह ने सवाल किया कि क्या कांग्रेस ने इसकी जांच की?

वहीं कांग्रेस ने भारतीय और चीनी सैनिकों की अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के निकट झड़प की घटना को लेकर सोमवार को कहा कि सरकार को इस मामले पर संसद में चर्चा के माध्यम से देश को विश्वास में लेने की जरूरत है. कांग्रेस ने यह भी आरोप लगाया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी छवि बचाने के लिए देश को खतरे में डाल रहे हैं.

चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने एक पत्रकार वार्ता में कहा कि दोनों पक्षों ने राजनयिक और सैन्य चैनलों के माध्यम से सीमा संबंधी मुद्दों पर सुचारू सपंर्क बनाए रखा है. वांग वेनबिन ने भारत से दोनों देशों की ओर से मिली जरूरी सहमति को ईमानदारी से लागू करने, दोनों पक्षों की ओर से हस्ताक्षरित समझौतों और समझौते की भावना का कड़ाई से पालन करने, साथ ही मिलकर चीन-भारत सीमा की शांति बनाए रखने की भी अपील की.

चीन-भारत सीमा पर स्थिति के संबंध में चीनी विदेश मंत्रालय के बयान के कुछ घंटों बाद, चीन की सेना पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) की पश्चिमी थिएटर कमान के प्रवक्ता वरिष्ठ कर्नल लोंग शाओहुआ ने एक बयान जारी कर दावा किया कि नौ दिसंबर को झड़प उस वक्त हुई, जब वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीन की तरफ नियमित गश्त कर रहे चीनी सैनिकों को भारतीय सैनिकों ने रोक दिया.

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने नयी दिल्ली में संसद में तवांग सेक्टर में हुई घटना पर बयान दिया. उन्होंने लोकसभा और राज्यसभा में अपने बयान में कहा, ‘भारतीय सेना ने बहादुरी से पीएलए को हमारे क्षेत्र में अतिक्रमण करने से रोका और उसे अपनी चौकियों पर वापस जाने के लिए मजबूर कर दिया. झड़प में दोनों पक्षों के कुछ सैनिक घायल हो गए.’ सिंह ने कहा कि भारतीय सेना ने नौ दिसंबर को अरुणाचल प्रदेश के यांग्त्से क्षेत्र में यथास्थिति को ‘एकतरफा’ बदलने के चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के प्रयास को विफल कर दिया. उन्होंने कहा कि इस झड़प में किसी भारतीय सैनिक की मृत्यु नहीं हुई, और न ही कोई भारतीय सैनिक गंभीर रूप से घायल हुआ है.

मामले के बारे में जानकारी रखने वाले लोगों ने मंगलवार बताया कि अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास चीन की हवाई गतिविधियां बढ़ने पर भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमानों ने भी पिछले हफ्ते इलाके में उड़ान भरी थी. सूत्रों ने कहा कि कई चीनी ड्रोन ने एलएसी के करीब उड़ान भरी, जिसके बाद भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमानों ने उड़ान भरी और समग्र युद्धक तैयारी बढ़ा दी.

सूत्रों के मुताबिक वायुसेना ने नौ दिसंबर को चीन द्वारा की गई अतिक्रमण की कोशिश के मद्देनजर इलाके में अपनी समग्र निगरानी बढ़ा दी है. अधिकारियों ने बताया कि मानक संचालन प्रक्रियाओं का पालन किया जा रहा है, जिसमें सुरक्षा संबंधी विशेष चिंताओं के मामले में लड़ाकू विमानों को तैनात करना शामिल है. एक सूत्र ने कहा, भारतीय वायुसेना और थल सेना दोनों हालात पर करीब से नजर रख रहे हैं.

भारत-चीनी सैनिकों के बीच हुई झड़प के बाद अरुणाचल प्रदेश के सीएम पेमा खांडू ने चीन को चेतावनी देते हुए कहा कि ये1962 नहीं है. उन्होंने ट्वीट किया, यांग्त्से मेरे विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आता है और हर साल मैं क्षेत्र के जवानों और ग्रामीणों से मिलता हूं. यह अब 1962 नहीं है. अगर कोई उल्लंघन करने की कोशिश करता है, तो हमारे बहादुर सैनिक करारा जवाब देंगे. ईंट का जवाब पत्थर से नहीं, ईंट का जवाब लोहे से दे रही है हमारी वीर भारतीय सेना.

पूर्वी लद्दाख में रिनचेन ला के पास अगस्त 2020 में हुई झड़प के बाद भारत और चीनी सेनाओं के बीच यह पहली बड़ी झड़प थी. भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच पिछले साल अक्टूबर में भी संक्षिप्त झड़प हुई थी और स्थापित प्रोटोकॉल के अनुसार दोनों पक्षों के स्थानीय कमांडर के बीच बातचीत के बाद इसे सुलझा लिया गया था.

भारतीय वायुसेना ने तेजपुर सहित पूर्वी क्षेत्र में विभिन्न प्रमुख ठिकानों पर अपनी समग्र क्षमता बढ़ाई है. तेजपुर में सुखोई-30 लड़ाकू विमानों का एक बेड़ा तैनात किया गया था. राफेल लड़ाकू विमानों का एक स्क्वाड्रन पश्चिम बंगाल में हासिमारा हवाई ठिकाने पर स्थित है और यह पूर्वी क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों में भी उड़ान भरता है.

बिहार के इन 2 हजार लोगों का धर्म क्या है? विश्व का सबसे अमीर क्रिकेट बोर्ड कौन सा है? दंतेवाड़ा एक बार फिर नक्सली हमले से दहल उठा SATISH KAUSHIK PASSES AWAY: हंसाते हंसाते रुला गए सतीश, हृदयगति रुकने से हुआ निधन India beat new Zealand 3-0. भारत ने किया कीवियों का सूपड़ा साफ, बने नम्बर 1