2024 का खाका खींचने की कोशिश, खरगे को पीएम फेस बनाने के पीछे आखिर क्या है वजह?

इंडिया गठबंधन की बैठक में संसद से निलंबित किए गए सांसदों को लेकर भी चर्चा हुई. इस कार्रवाई को लेकर निंदा प्रस्ताव पेश किया गया. इसके साथ ही केंद्र सरकार को चेतावनी देते हुए 22 दिसंबर को देशभर में विरोध प्रदर्शन करने की बात कही गई. इसके साथ-साथ मतभेदों को मिलकर दूर करने पर बात बनी है.

इंडिया गठबंधन की मंगलवार को नई दिल्ली में हुई बैठक में 2024 लोकसभा चुनाव का पूरा खाका खींचने की कोशिश की गई. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजय रथ को रोकने के लिए 28 विपक्षी दलों की बैठक में इंडिया गठबंधन के पीएम फेस का नाम भी उछला. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कांग्रेस अध्यक्ष और दलित नेता मल्लिकार्जुन खरगे का नाम पीएम फेस के लिए प्रस्तावित किया है.

इसके पीछे बड़ी वजह मानी जा रही है कि, एक तो राहुल पीएम की रेस से दूर होंगे जो अखिलेश, केजरीवाल जैसे नेताओं की उम्र के हैं, वहीं इससे फिलहाल नीतीश और उद्धव के संयोजक बनने पर पलीता लगा है जो ममता, केजरीवाल और अखिलेश की तुलना में कांग्रेस के ज्यादा करीबी हैं. हालांकि, अभी भी ममता और केजरीवाल के इस दांव के पीछे की सियासी चाल पर कयासों का बाजार गर्म है.

मंगलवार को दिल्ली में इंडिया गठबंधन की बैठक हुई, इसमें 28 दल शामिल हुए थे. बैठक में सीट शेयरिंग के साथ-साफ पहली रैली, पीएम फेस, ईवीएम और अन्य मुद्दों को लेकर चर्चा हुई. बैठक के दौरान संसद से निलंबित किए गए 141 सांसदों का मुद्दा भी उठा और इस संबंध में एक निंदा प्रस्ताव पेश किया गया. बैठक में गठबंधन ने 22 दिसंबर को

गठबंधन की बैठक से जुड़ी बाकी अहम बातें

इंडिया गठबंधन की बैठक में खरगे ने कहा कि हम बस गृह मंत्री और प्रधानमंत्री में सदन में आने और संसद की सुरक्षा में चूक के बारे में विस्तार से बात करने के लिए कह रहे हैं. बीजेपी के दोनों ही नेता इस पर सहमत नहीं हुए हैं. खरगे ने कहा कि हम घटना के बाद से ही बोल रहे हैं कि गृहमंत्री और प्रधानमंत्री को बयान देना चाहिए लेकिन वो नहीं माने.

बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा है कि पीएम मोदी संसद सत्र के दौरान गुजरात में उद्घाटन करने जा सकते हैं, रैलियों कर सकते हैं, लेकिन संसद में नहीं बोल सकते हैं. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार लोकतंत्र की हत्या कर रही है. एक साथ इतने सांसदों के निलंबन की हम निंदा करते हैं.

खरगे बोले- हमारा पहला काम चुनाव जीतना

खरगे के नाम का प्रस्ताव भले ही ममता बनर्जी और अरविंद केजरीवाल ने दिया हो, लेकिन खरगे ने मौके पर ही कहा है कि, प्रधानमंत्री कौन होगा इसका फैसला हम जीतने के बाद ही करेंगे. हमारा पहला काम चुनाव जीतना है. इसके बाद हम तय करेंगे कि प्रधानमंत्री कौन होगा. लोकसभा में पूरा आंकड़ा आने के बाद ही हम पीएम फेस को लेकर कोई फैसला करेंगे. इसके साथ-साथ बैठक में सीट बंटवारे को लेकर भी चर्चा हुई. इस पर 31 दिसंबर तक कोई बड़ा फैसला लिया जा सकता है.

सूत्रों के मुताबिक इंडिया गठबंधन की पहली रैली सम्भावित तौर पर 31 जनवरी को पटना में आयोजित हो सकती है. गठबंधन की बैठक में सभी नेताओं ने अपनी- अपनी बात रखी. बैठक में तय किया गया है कि लोकसभा चुनाव के लिए चुनाव से पहले खुद को बदलने की जरुरत है. तय हुआ है कि पूरे देश में 8 से 10 बैठकें की जाएंगी.

मतभेदों को गठबंधन के नेता ही सुलझाएंगे

बैठक में यह भी तय हुआ कि अगर गठबंधन में शामिल किसी भी दल को किसी भी प्रकार की कोई परेशानी है तो उसे गठबंधन के नेता ही सुलझाएंगे. ताकि लोगों को ये मालूम पड़ना चाहिए गठबंधन में शामिल सभी दल और नेता एक मंच पर हैं. सम्भावित तौर पर 30 जनवरी से 2024 आम चुनाव के लिए संयुक्त कैंपेन शुरू किया जाना है.

ईवीएम का मुद्दा भी उठा

इंडिया गठबंधन की बैठक में एक बार फिर ईवीएम का मुद्दा उठा. इस मुद्दे पर इंडिया गठबंधन के नेता चुनाव आयोग से मिलकर अपनी शिकायत दर्ज करा चुके हैं. जिसमें VVPAT की संख्या बढ़ाने और उससे मिलान का बड़ा प्रस्ताव है. अपना पक्ष रखने के लिए इस कमेटी ने चुनाव आयोग से पहले से वक़्त मांगा है. हालांकि, इंडिया गठबंधन के ड्राफ्ट रेजॉलूशन में बैलट पेपर की बात थी, जिसे पास प्रस्ताव में हटा दिया गया.

वैसे इस बैठक में ममता केजरीवाल के खरगे वाले प्रस्ताव से लेफ्ट नेता सीताराम येचुरी नाखुश दिखे, उनका कहना था कि, जब पीएम उम्मीदवार एजेंडे के नहीं था तो क्यों ये तार छेड़ा गया. वहीं, कांग्रेस के एक वर्ग की गठबंधन में मायावती को लाने की कवायद से नाखुश सपा नेता रामगोपाल यादव ने इस बावत सवाल उठाया तो खरगे ने सफाई दी कि, मीडिया की खबरों पर मत जाइए, यूपी में सपा, आरएलडी और कांग्रेस का गठबंधन है.

जनता से जुड़े मुद्दों पर होगी बात

बैठक में ये भी तय हुआ कि, बीजेपी की पिच जाकर खेलने या उसके मुताबिक मुद्दों को हवा देने की बजाय जनता से जुड़े मुद्दों और वैकल्पिक एजेंडे पर बात हो, जिसे जल्दी तय किया जाए. वहीं मोदी हटाओ या मोदी बनाम कौन की बीजेपी की स्क्रिप्ट से दूर रहते हुए ही चुनावी रणनीति बने, जिसके केंद्र में जनता और उससे जुड़े मुद्दे हों.

बिहार के इन 2 हजार लोगों का धर्म क्या है? विश्व का सबसे अमीर क्रिकेट बोर्ड कौन सा है? दंतेवाड़ा एक बार फिर नक्सली हमले से दहल उठा SATISH KAUSHIK PASSES AWAY: हंसाते हंसाते रुला गए सतीश, हृदयगति रुकने से हुआ निधन India beat new Zealand 3-0. भारत ने किया कीवियों का सूपड़ा साफ, बने नम्बर 1