भारत की GDP मौजूदा वित्त वर्ष में 0.9% की गिरावट और 1.5% की ग्रोथ की रेंज में रह सकती है। Coronavirus के कारण लागू Lockdown के चलते GDP की यह स्थिति रह सकती है। भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) ने यह अनुमान लगाया है। CII ने अपनी रिपोर्ट में तत्काल राजकोषीय हस्तक्षेप का सुझाव भी दिया है। सीआईआई ने कहा कि बेसलाइन परिदृश्य में GDP के सालाना आधार पर केवल 0.6% की दर से विकास करने का अनुमान है।
CII ने कहा कि सामानों के फ्री मूवमेंट पर लगातार प्रतिबंध रहने और लोगों के लॉकडाउन में रहने के कारण आर्थिक गतिविधियों में गिरावट जारी है। इससे सप्लाई चेन बाधित होगी, इन्वेस्टमेंट एक्टिविटी में बहुत धीरे सुधार होगा, कुछ समय के लिए मजदूरों की कमी होगी और लोगों की आय में कटौती के चलते मांग में कमी आएगी।
रिपोर्ट के अनुसार, आशावादी परिदृश्य में, जो Lockdown की अवधि के पूरे होने के बाद होगा, जीडीपी के 1.5 फीसद की दर से ग्रोथ करने का अनुमान है। वहीं, कोरोना वायरस के और बड़े प्रकोप के परिदृश्य में, जब मौजूदा हॉट-स्पॉट वाली जगह पर प्रतिबंध और बढ़ा दिये जाएंगे व नए हॉट-स्पॉट आने लगेंगे, उस स्थिति में GDP के -0.9% की दर से ग्रोथ करने का अनुमान है।
तत्काल राषकोषीय हस्तक्षेप में CII ने सरकार को सुझाव दिया है कि पहले से हुई राहत पैकेज की घोषणा के अतिरिक्त JAM खाता धारकों को दो लाख रुपये की नकदी ट्रांसफर की जाए। गौरतलब है कि सरकार ने कोरोना वायरस के चलते लागू देशव्यापी Lockdown को देखते हुए 1.7 लाख करोड़ रुपये के राहत पैकेज की घोषणा की थी।