ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य और शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे जव्वाद ने राज्य में संशोधित नागरिकता कानून (CAA) के खिलाफ हुए प्रदर्शनों पर पुलिसिया कार्रवाई को लेकर चिंता जताते हुए बुधवार को कहा कि सरकार को इस कानून को लेकर मुस्लिम समुदाय के भ्रम को दूर करना चाहिए।
CAA मंत्री संजीव बालियान का एक बड़ा बयान सामने आया था। जिसमें उन्होंने कहा है कि मदरसों की जांच के साथ – साथ जमीयत उलेमा ए हिन्द के राष्ट्रीय महासचिव महमूद मदनी की भी जांच होनी चाहिए। मंत्री ने कहा कि 12 से 15 साल के नाबालिक बच्चों के साथ-साथ कुछ बच्चे मदरसों के भी गिरफ्तार हुए हैं। आखिर मदरसों के बच्चे किसने और क्यों निकाले इसकी जांच हो।
CAA पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से 31 दिसंबर 2014 तक आए हिंदू, सिख, ईसाई, बौद्ध, जैन और पारसी समुदाय के लोगों को भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान करता है, जिन्होंने इन तीन पड़ोसी देशों में धार्मिक उत्पीड़न का सामना किया है।
संशोधित नागरिकता कानून (CAA) के तहत नागरिकता प्रदान करने की समूची प्रक्रिया केंद्र द्वारा ऑनलाइन बनाने की संभावना है, ताकि राज्यों को इस कवायद में दरकिनार किया जा सके। कुछ राज्य CAA के खिलाफ हैं। केंद्रीय गृह मंत्रालय केरल सहित कई राज्यों में CAA का जोरदार विरोध किए जाने के मद्देनजर जिलाधिकारी के जरिए नागरिकता के लिए आवेदन लेने की मौजूदा प्रक्रिया को छोड़ने के विकल्प पर विचार कर रहा है।