Human Metapneumovirus (HMPV) : HMP वायरस के भारत में मामले लगातार बढ़ रहे हैं. अब तक आठ मरीजों में इसकी पुष्टि हो चुकी है. वैसे तो ये वायरस पुराना है, लेकिन इस बार तेजी से फैल रहा है. चीन, मलेशिया और भारत में वायरस के मामलों में इजाफा हो रहा है. ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि एचएमपीवी के वायरस में बदलाव हुआ है.
भारत में Human Metapneumovirus (HMPV) के आठ केस आ चुके हैं. चीन और मलेशिया में इसके मामले बढ़ रहे हैं. HMP वैसे तो कई दशकों पुराना वायरस है इसकी पहचान इंसानों में साल 2001 में हुई थी. उसके बाद से ही भारत समेत दुनिया के कुछ देशों में इसके मामले आते रहते हैं. भारत में साल 2003 में पहला केस आया था. तब बीजे मेडिकल कॉलेज ने पुणे में एक बच्चे में इसकी पुष्टि की थी. बीते साल एम्स में 700 मरीजों पर हुई रिसर्च में पता चला था कि इनमें से 4 फीसदी मरीजों में HMPV था. ये आंकड़े बताते हैं कि यह कोई नया वायरस नहीं है, लेकिन अब से पहले कभी भी एक दिन में इसके इतने अधिक केस नहीं आए हैं. ऐसे में सवाल उठता है कि इतने मामले क्यों बढ़ रहे हैं.
दुनिया में कई तरह के वायरस मौजूद हैं. जैसे एचआईवी, एमपॉक्स, इबोला, इंन्फ्लूएंजा, रोटावायरस, सार्स और कोविड-19. इन सभी वायरस के कुछ न कुछ केस आते रहते हैं. वायरस कभी पूरी तरह खत्म नहीं होते हैं. ऐस इसलिए क्योंकि इनमें बदलाव होता रहता है. ये खुद को म्यूटेट करते रहते हैं ताकि जिंदा रह सके. जब किसी वायरस में म्यूटेशन होता है तो वह पहले की तुलना में बदल जाता है. कोरोना वायरस भी लगातार म्यूटेट हुआ था और इसके कई स्ट्रेन आए थे. कोरोना के डेल्ट्रा स्ट्रेन ने ही दुनियाभर में तबाही मचाई थी. वायरस में बदलाव के बाद इसके केस भी तेजी से बढ़े थे. अब एचएमपीवी के केस भी बढ़ रहे हैं
क्या एचएमपीवी में हो गया है बदलाव?
दिल्ली एम्स में पीडियाट्रिक विभाग के पूर्व सीनियर रेजिडेंट डॉ. राकेश कुमार बागड़ी बताते हैं कि HMP वायरस के कुछ मामले पहले भी आते रहे हैं, लेकिन ऐसा पहली बार है जब इतनी संख्या में मामले रिपोर्ट किए जा रहे हैं. इस बार खांसी-जुकाम के लक्षणों के साथ जो बच्चे अस्पताल में भर्ती हो रहे हैं. उनके सैंपल लेकर एचएमपीवी की जांच भी की जा रही है. जिसमें कुछ बच्चे पॉजिटिव मिल रहे हैं. पहले की तुलना में ज्यादा केस आने से ऐसी आशंका है कि इस वायरस में कुछ बदलाव हुआ है यानी वायरस ने म्यूटेट होकर खुद को बदल लिया है. तभी ये तेजी से फैल रहा है. कोविड के साथ भी ऐसा ही हुआ था. कोरोना वायरस ने अपना स्ट्रेन बदला था और उसके डेल्टा वेरिएंट ने दुनियाभर में तबाही मचाई थी. हालांकि HMPV में बदलाव हुआ है या नहीं इस बारे में साफ तौर पर एनआईवी ही बता सकता है.
वायरस में होते रहते हैं बदलाव
डॉ राकेश बताते हैं कि दुनिया के हर वायरस में बदलाव होता रहता है. वायरस खुद को जिंदा रखने के लिए म्यूटेट होता रहता है. इसी क्रम में वह खुद में बदलाव करता है. कुछ मामलों में वायरस म्यूटेट होकर पहले की तुलना में ज्यादा खतरनाक और संक्रामक बन जाता है. इस वजह से वह तेजी से लोगों को संक्रमित करता है और इस वजह से वायरस के मामले बढ़ते भी हैं. हो सकता है कि इस बार एचएमपीवी वायरस के स्ट्रेन में ऊभी कुछ बदलाव हुआ हो, हालांकि इस बारे में साफ तौर पर कहा नहीं जा सकता, लेकिन ऐसी आशंका है कि वायरस ने खुद को बदला है.
क्या कोविड जितना हो जाएगा खतरनाक
फोर्टिस अस्पताल में पल्मोनोलॉजी विभाग में डायरेक्टर डॉ. मनोज कुमार गोयल बताते हैं कि एचएमपीवी वायरस और कोविड के लक्षण लगभग एक जैसे हैं, लेकिन इन वायरस में कुछ अंतर भी है. कोविड लंग्स में इंफेक्शन करता था, लेकिन एचएमपीवी अपर रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट का इंफेक्शन है. यानी ये अधिकतर मामलों में खांसी-जुकाम और हल्के बुखार के लक्षण करता है. HMP वायरस से ऑक्सीजन की कमी या लंग्स में गंभीर इंफेक्शन के मामले न के बराबर आते हैं. ऐसे में इस वायरस से घबराने की जरूरत नहीं है.
HMPV के लक्षण क्या हैं
खांसी
बुखार
नाक बहना
गला खराब होना
सांस लेने में परेशानी
HMPV से बचाव कैसे करें
हाथ धोकर भोजन करें
संक्रमित के संपर्क में न आएं
खांसी- जुकाम और बुखार होने पर जांच कराएं
बच्चों की विशेष देखभाल करें