सिर कलम, दिल और कलेजा निकालने की बात… हमास आतंकियों को दिए गए थे बर्बरता के निर्देश

इजराइल पर हमला करने वाले आतंकियों को सिर्फ कत्लेआम ही नहीं बल्कि बर्बरता मचाने के निर्देश दिए गए थे. इनसे कहा गया था कि ‘दुश्मन एक ऐसी बीमारी है… जिसका सिर काटने, दिल और कलेजे निकालने के अलावा कोई इलाज नहीं है’. IDF प्रवक्ता डेनियल हगारी ने एक चैनल को दिए इंटरव्यू में इस बात का दावा किया है.

आईडीएफ के प्रवक्ता डेनियल हगारी ने बुधवार को एक चैनल को दिए इंटरव्यू में हमास आतंकी के पास से मिले एक नोट का जिक्र किया. हाथ से लिखे इस नोट में हमास आतंकवादियों को निर्दयी नरसंहार करने के लिए प्रोत्साहित किया गया था, जिसमें पीड़ितों के शवों का सिर काटना और टुकड़े-टुकड़े करना शामिल था.

अमेरिकी टेलीविजन नेटवर्क के साथ एक इंटरव्यू में जनरल डेनियल हगारी ने बताया कि इजरायल में जिन हमास लड़ाकों को लड़ने के लिए भेजा गया था, उनसे हमास के शीर्ष नेतृत्व ने यहूदियों की हत्या को धार्मिक महत्व के लिए जरूरी बताया था. इसके बाद हमास के आतंकियों ने 7 अक्टूबर को पुरुषों का नरसंहार किया, महिलाओं और बच्चों को बंधक बनाया और शहरों में लूटपाट की.

दिल और कलेजों को निकालना’

इस नोट में हमास आतंकवादियों को पीड़ितों के सिर काटने, उनके दिल और जिगर निकालने के लिए प्रोत्साहित किया गया था. नोट में लिखा था- “तुम्हें अपनी तलवारों की धार तेज करनी चाहिए और अल्लाह के सामने अपने इरादों में शुद्ध रहना चाहिए. जान लो कि दुश्मन एक ऐसी बीमारी है, जिसका सिर काटने, दिल और कलेजे निकालने के अलावा कोई इलाज नहीं है. उन पर हमला करो!” आईडीएफ के प्रवक्ता रियर एडमिरल डेनियल हगारी ने बताया, “दुनिया को यह समझने की जरूरत है कि यह फिलिस्तीनियों और इजरायलियों का मुद्दा नहीं है, यह मानवता के खिलाफ अपराध का मुद्दा है”

7 अक्टूबर को किया गया था हमला

7 अक्टूबर की सुबह 1,000 से अधिक हमास आतंकवादियों ने इजराइल में घुसपैठ की और गाजा सीमा के पास इजराइली शहरों और आईडीएफ ठिकानों पर हमला किया. पहला हमला शुरू होने के बाद से 1400 से अधिक इजरायली मारे गए हैं, साथ ही लगभग 220 लोगों का गाजा पट्टी में हमास द्वारा अपहरण कर लिया गया और बंधक बना लिया गया. पीड़ितों के शवों को फोरेंसिक साक्ष्य और आतंकवादियों द्वारा कब्जे में ल गए वीडियो फुटेज से पता चला है कि इजरायली “ महिलाओं के साथ बलात्कार किया गया और उनके सिर काट दिए गए.

हमास द्वारा बच्चों का सिर काटने का कोई सबूत नहीं: जॉर्डन की रानी

जॉर्डन की रानी रानिया ने हमास के खिलाफ इजरायल के युद्ध के बीच गाजा पट्टी में मानवीय स्थिति पर पश्चिमी नेताओं की प्रतिक्रिया की निंदा की. एक इंटरव्यू में रानी ने कहा- ‘आधुनिक इतिहास में यह पहली बार है कि इतनी मानवीय पीड़ा हो रही है और दुनिया युद्धविराम का आह्वान भी नहीं कर रही है’ इजरायल पर हमास के भयानक हमले पर जॉर्डन की प्रतिक्रिया के बारे में सवाल का जवाब देते हुए रानी ने कहा कि वह स्तब्ध थीं और उनका देश किसी भी नागरिक की हत्या की निंदा करता है. उन्होंने कहा, “यह जॉर्डन की नैतिक स्थिति है और यह इस्लाम की स्थिति है.”

रानी ने कहा कि हमास द्वारा बच्चों के सिर काटने का कोई सबूत नहीं था. यहां तक रिपोर्ट में सामने आया है कि इजरायली बच्चे किबुत्ज़ में मारे गए हैं, लेकिन इसकी स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं हुई है. किसी भी देश को अपनी रक्षा करने का अधिकार है, लेकिन युद्ध अपराधों के माध्यम से नहीं, सामूहिक दंड के माध्यम से नहीं. यह 75 साल पुरानी कहानी है, फ़िलिस्तीनी लोग की मौत और विस्थापन की कहानी है.’

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