प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को वीडियो कांफ्रेंस के जरिए Covid-19 महामारी से संबंधित प्रमुख प्राथमिकताओं पर चर्चा के लिए आयोजित Grand Challenges वार्षिक सम्मेलन के उद्घाटन समारोह को संबोधित किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि भविष्य की चुनौतियों से निपटने के लिए विज्ञान और इनोवेशन यानी नवाचार में पहले से ही निवेश करना होगा। समाज का भविष्य विज्ञान और नवाचार में निवेश से ही आकार लेगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भविष्य को कभी भी अदूरदर्शी तरीके से नहीं निर्धारित किया जा सकता है। भविष्य विज्ञान और इनोवेशन में निवेश करने वालों का होगा लेकिन इसके लिए विज्ञान और इनोवेशन में सही ढंग से निवेश करना होगा। तभी हमें सही समय पर इसका लाभ मिल सकता है। हमारे देश में एक मजबूत और जीवंत वैज्ञानिक समुदाय है। हमारे पास अच्छे वैज्ञानिक संस्थान भी हैं। पिछले कुछ महीनों के दौरान Corona महामारी से लड़ने में वे भारत की सबसे बड़ी ताकत रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इनोवेशन को सहयोग और सार्वजनिक भागीदारी द्वारा आकार दिया जाना चाहिए। विज्ञान अलग थलग पड़कर समृद्ध नहीं हो सकता है। Grand Challenges कार्यक्रम इस बात को भलिभांति समझा है। इस कार्यक्रम का पैमाना सराहनीय है। मौजूदा वक्त में भारत में प्रतिदिन Covid मामलों की संख्या में गिरावट देखी जा रही है। भारत में रिकवरी रेट 88 फीसद है। यह इसलिए संभव हो पाया है क्योंकि भारत Lockdown अपनाने वाले सबसे पहले देशों में से एक था। हमने मास्क के इस्तेमाल को प्रोत्साहित किया। हम रैपिड एंटीजन टेस्ट करने वाले सबसे पहले देशों में शामिल रहे।
उल्लेखनीय है कि 19 से 21 अक्टूबर तक वर्चुअल माध्यम से चलने वाले इस सम्मेलन इसका आयोजन वैश्विक स्वास्थ्य समस्याओं को हल करने में गहन वैज्ञानिक सहयोग के लिए हो रहा है। इसमें महामारी के बाद की दुनिया में सतत विकास लक्ष्यों की प्रगति को गति देने के उपायों पर चर्चा होनी है। इसमें दुनिया भर के प्रख्यात वैज्ञानिक, नेता और शोधकर्ता शामिल हो रहे हैं। प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान में बताया गया है कि सम्मेलन में 40 देशों के लगभग 1,600 दिग्गज शिरकत कर रहे हैं।
सम्मेलन बीते 15 वर्षों से आयोजित हो रहा है। PMO के मुताबिक, यह स्वास्थ्य एवं विकास की राह में आने वाली बड़ी चुनौतियों से निपटने के लिए अंतरराष्ट्रीय नवाचार सहयोग को बढ़ावा देता रहा है। सम्मेलन का आयोजन बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन, डिपार्टमेंट ऑफ बायोटेक्नोलोजी, विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारत सरकार, भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद और नीति आयोज के साथ-साथ Grand Challenges कनाडा, यूनाइटेड स्टेट्स एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट एंड वेलकम की ओर से किया जा रहा है।