विभिन्न इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म को यूजर्स के लिए सुरक्षित और भरोसेमंद बनाने की दिशा में तय नए नियमों को लेकर Twitter की आनाकानी पर सरकार ने नकेल कसने की तैयारी कर ली है। नए नियमों के अनुपालन को लेकर शनिवार को माइक्रो ब्लागिंग साइट Twitter को आखिरी नोटिस भेजा गया है। इसके बाद भी नियमों की अनदेखी करने पर सरकार सख्त कदम उठा सकती है।
नोटिस में कहा गया है कि यह आखिरी चेतावनी है। अब भी नियमों का पालन नहीं हुआ तो IT कानून व अन्य दंडात्मक कानूनों के तहत Twitter के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। Twitter का इंटरमीडियरी का दर्जा खत्म किया जा सकता है, जिससे ट्विटर को मिली हुई कई प्रकार की छूट समाप्त हो जाएगी। इससे Twitter के लिए भारत में संचालन मुश्किल हो सकता है।
प्रतिबद्धता में कमी
इंटरनेट मीडिया से जुड़े नियमों के पालन को लेकर इलेक्ट्रॉनिक्स व IT मंत्रालय की तरफ से भेजे गए नोटिस में कहा गया है कि नियमों के पालन में कोताही से भारत के लोगों के प्रति Twitter की प्रतिबद्धता में कमी जाहिर होती है। 26 मई से नए नियम लागू हो चुके हैं। इसके तहत सभी इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म को शिकायतों के निवारण के लिए चीफ कंप्लायंस आफिसर के साथ नोडल आफिसर और रेसीडेंट ग्रीवांस आफिसर नियुक्त करना है।
टाल-मटोल वाला रवैया
मंत्रालय ने नोटिस में कहा है कि Twitter ने अब तक चीफ कंप्लायंस आफिसर की नियुक्ति को लेकर कोई सूचना नहीं दी है। वहीं, नोडल आफिसर और ग्रीवांस आफिसर भी भारत में Twitter के कर्मचारी नहीं हैं, जो कि नए नियमों के खिलाफ है। Twitter ने भारत में अपने कार्यालय का जो पता दिखाया है, वह किसी लॉ फर्म का है। यह भी IT नियमों के खिलाफ है।
नियमों के पालन में दिलचस्पी नहीं
नोटिस में कहा गया है कि पिछले एक दशक से Twitter भारत में कारोबार कर रहा है। इसके बावजूद इंटरनेट मीडिया के नियमों के पालन को लेकर Twitter कोई मैकेनिज्म तैयार करने में दिलचस्पी नहीं दिखा रहा है, जिससे भारत में Twitter यूजर्स अपनी शिकायतों का निपटारा एक पारदर्शी प्लेटफार्म पर कर सकें।
पारदर्शी मैकेनिज्म की दरकार
सरकार का कहना है कि Twitter पर जिन लोगों को गाली दी जाती है, जो Twitter की वजह से यौन हिंसा के शिकार होते हैं, उन्हें अपने मामलों के निपटारे के लिए ट्विटर के पारदर्शी मैकेनिज्म की जरूरत है। Twitter सरकार के निर्देशों का लगातार उल्लंघन कर रहा है। कृषि कानून विरोधी आंदोलन के दौरान लाल किले पर हुए उपद्रव से जुड़े ट्वीट को भी सरकार ने हटाने का निर्देश दिया था, जिसमें Twitter ने बहुत आनाकानी की थी।
उपराष्ट्रपति के अकाउंट से ब्लू टिक हटाया, फिर रीस्टोर किया
नए नियमों के अनुपालन पर तकरार बीच, Twitter ने ब्लू टिक पर भी खेल शुरू कर दिया है। शनिवार को Twitter ने उपराष्ट्रपति वेकैया नायडू, RSS प्रमुख मोहन भागवत व संघ के कई पदाधिकारियों के अकाउंट से ब्लू टिक हटा दिया। बाद में चारों ओर से दबाव के बाद इनके ब्लू टिक रीस्टोर कर दिए गए।
तकरार के पड़ाव
- 26 जनवरी को कृषि कानूनों के विरोध में निकाली गई रैली हिंसक होने के बाद सरकार ने Twitter से कुछ अकाउंट के खिलाफ कदम उठाने को कहा था, लेकिन Twitter ने आनाकानी की और आंशिक कार्रवाई की
- स्वीडन की पर्यावरण एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग की ओर से शेयर किए गए टूलकिट पर सरकार ने नाराजगी जताई थी। सरकार ने कहा था कि भारत में अशांति फैलाने के लिए Twitter का दुरुपयोग किया गया
- ट्विटर ने लद्दाख के कुछ हिस्से को चीन के नक्शे में दिखा दिया था और इस गलती को सुधारने में कई दिन लगाए
- ट्विटर पर कोरोनारोधी वैक्सीन को लेकर संदेह फैलाने वाली बातें प्रसारित की गई, लेकिन ट्विटर ने कोई कदम नहीं उठाया
- कोरोना वायरस के बी.1.617 वैरिएंट को दुर्भावना के कारण भारतीय वैरिएंट के रूप में प्रचारित करने वाली विभिन्न पोस्ट के खिलाफ भी Twitter ने कोई कदम नहीं उठाया
- ट्विटर ने हाल में कहा कि उसे भारत में अपने कर्मचारियों की सुरक्षा को लेकर चिंता है। साथ ही उसने अभिव्यक्ति की आजादी पर भी खतरे को लेकर बेजा गुहार लगाई
- ट्विटर का कहना है कि नए IT नियमों से अभिव्यक्ति की आजादी प्रभावित होगी
- इस पर सरकार ने कहा कि ये नियम संबंधित पक्षों से व्यापक विमर्श के बाद तैयार किए गए हैं और Twitter को इनका अनुपालन करना होगा
जवाब तलब कर सकती है सरकार
सरकार इस मामले में भी Twitter से जवाब-तलब कर सकती है। Twitter पर किसी अकाउंट के प्रमाणिक होने की पहचान के तौर पर ब्लू वैरिफाइड बैज या ब्लू टिक लगाया जाता है। Twitter सरकारी कंपनियों, ब्रांड व गैर लाभकारी संगठनों, समाचार संस्थानों व पत्रकारों, मनोरंजन, खेल से जुड़ी हस्तियों, समाजसेवियों और ऐसे लोगों के अकाउंट को वेरिफाई करता है, जिनका समाज में प्रभाव है।