सरकार ने रविवार को टैक्स अधिकारी एसोसिएशन द्वारा सुझाव वाले रिपोर्ट को सिरे से खारिज कर दिया है। CBDT ने रविवार शाम को इस संबंध में लगातार 3 ट्वीट में लिखा कि सरकार ने किसी भी एसोसिएशन या ग्रुप से इस संबंध में कोई भी रिपोर्ट नहीं मांगी है। इन अधिकारियों ने ‘Force’ शीर्षक से CBDT चेयरमैन पीसी मोदी को एक रिपोर्ट भेजी थी, जिसमें उन्होंन सुपर रिच से 40 फीसदी टैक्स वसूलने और विदेशी कंपनियों से अधिक सरचार्ज समेत कोविड-19 सेस लगाने का सुझाव दिया था। हालांकि, रविवार को इंडियन रेवेन्यू सर्विस एसोसिएशन (IRSA) ने भी एक ट्वीट में कहा था कि उनके द्वारा भेजा गया यह सुझाव केवल अधिकारियों का विचार है और यह उनकी आधिकारिक रिपोर्ट नहीं है।
CBDT ने ट्वीट में लिखा, ‘COVID-19 से लड़ने के लिए कुछ IRS अधिकारियों द्वारा दिया गया सुझाव सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। CBDT स्पष्ट कर रहा है कि IRS एसोसिएशन या इन अधिकारियों से कोई रिपोर्ट तैयार करने को नहीं कहा गया है।’ दूसरे ट्वीट में लिखा गया कि इस सुझाव को पब्लिक फोरम में डालने से पहले किसी भी तरह की कोई अनुमति नहीं मांगी गई थी। यह नियमों को उल्लंघन है। इस मामले में जरूरी जांच की जाएगी। तीसरे ट्वीट में CBDT ने लिखा कि हम एक बार और साफ कर दे रहे हैं कि इस रिपोर्ट CBDT या वित्त मंत्रालय सहमत नहीं है।
गौरतलब है कि वरिष्ठ अधिकारियों के एक समूह ने सुझाव दिया है कि Coronavirus से लड़ने के लिए सरकार को सुपर रिच लोगों से ज्यादा टैक्स वसूलना चाहिए। इस सुझाव में विदेशी कंपनियों से अधिक टैक्स वसूलने की भी बात कही गई है, ताकि मौजूदा संकट में नकदी प्रवाह की कमी से निपटा जा सके। IRS एसोसिएशन ने केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड चेयरमैन पीसी मोदी को ये सुझाव दिए हैं। ‘Force’ (फिस्कल ऑप्शन ऐंड रिस्पांन्स टू द कोविड-19 एपिडेमिक) टाइटल से लिखे गए एक पेपर में ये सुझाव दिए गए हैं।
इस सुझाव में कहा गया था कि सुपर रिच पर टैक्स को बढ़ाकर 40% कर दिया जाए। इसमें 1 करोड़ रुपये से अधिक कमाई करने वाले लोग आते हैं और फिलहाल उन्हें 30% ही टैक्स देना होता है। वहीं, इसमें यह भी कहा गया है कि जो लोग सालाना 5 करोड़ रुपये से अधिक की कमाई करते हैं उनसे वेल्थ टैक्स भी वसूला जाए। ऐसा 3 से 6 महीने के लिए किया जा सकता है।
मध्यावधि यानी 9 से 12 महीनों के लिए कहा गया है कि विदेशी कंपनियों के इनकम पर सरचार्ज बढ़ाकर अतिरिक्त रेवेन्यू जुटाया जाए। वर्तमान में 1 से 10 करोड़ रुपये की सालाना कमाई करने वाली विदेशी कंपनियों को 2 फीसदी सरचार्ज और 10 करोड़ रुपये से अधिक की कमाई करने पर 5% सरचार्ज देना होता है।
इस पेपर में अतिरिक्त रेवेन्यू जुटाने के लिए COVID-19 सेस भी लागू करने का सुझाव दिया गया है। फाइनेंस कैपिटल इन्वेस्टमेंट पर एक बार के लिए ‘COVID Relief Cess’ वसूला जा सकता है। शुरुआती एसेसमेंट के मुताबिक, इस तरह के सेस से सरकार की झोली में 15-18 हजार करोड़ रुपये आ सकते हैं।