अनधिकृत कॉलोनियों के नियमन और करीब दस लाख दुकानों को फ्री होल्ड करने की घोषणा के बाद अब केंद्र सरकार ने दिल्ली की झुग्गी-बस्तियों के लिए पिटारा खोला है। केंद्र सरकार जल्द ही दिल्ली की झुग्गी बस्तियों में ‘जहां झुग्गी वहां मकान’ की नीति पर काम तेज करने जा रही है। DDA ने एक निजी एजेंसी सोसायटी फॉर प्रमोशन ऑफ यूथ एंड मासेस (SPYM) को 160 झुग्गी बस्तियों के सर्वे का आदेश दिया है। इन झुग्गी बस्तियों में तकरीबन 85 हजार लोग रहते हैं।
दिल्ली में केंद्र सरकार और DDA की जमीन पर लगभग 376 झुग्गी बस्तियां हैं, जिनमें 1.73 लाख लोग रहते हैं। यह झुग्गी बस्तियां करीब 40 लाख वर्ग मीटर क्षेत्र को कवर किएपर बानी हुई है। वर्ष 2022 तक राजधानी को झुग्गी मुक्त करने और प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत सभी को आवास देने के केंद्र सरकार के निर्देश के मद्देनजर DDA ने अपना काम तेज कर दिया है।
पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मॉडल के तहत योजना में डेवलपर ही झुग्गियों की जगह फ्लैट बनाने पर पूरा पैसा खर्च करेगा। इसके बदले वह खाली जमीन का उपयोग कमर्शियल डेवलपमेंट के लिए करेगा।
अधिकारियों के मुताबिक 32 झुग्गी बस्तियों का सर्वे पहले ही पूरा हो चुका है और इनकी विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) को अंतिम रूप दिया जा रहा है। दिलशाद गार्डन स्थित कलंदर कॉलोनी के लिए जल्द ही टेंडर निकाल दिए जाने की योजना है।